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उप्र : सीओ ने जमीन में बैठ कर सुनी पीड़ित की फरियाद

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बांदा, 18 जनवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के पैलानी थाना क्षेत्र के बड़ागांव में दो दिन पूर्व एक नाबालिग दलित लड़के की गांव के दबंगों ने बुरी तरह पिटाई की जिससे वह न ही चल पा रहा है और न ही बैठ पा रहा है। अधमरे लड़के के परिजन अस्पताल से उसे पुलिस अधीक्षक कार्यालय ले गए और जमीन पर लिटा दिया। सीओ ने भी संवेदनशीलता दिखाई और जमीन पर ही बैठ कर उसकी फरियाद सुनी।

दो दिन पहले बड़ागांव का रहने वाला नाबालिग दलित लड़का देवानंद (14) जंगल में अपनी बकरी चराने गया था। पड़ोसी गांव के एक दबंग ने लाठियों से बेकसूर लड़के को इतना पीटा कि उसके हाथ-पैर के अलावा रीढ़ की हड्डी भी टूट गई। जिला चिकित्सालय में प्लॉस्टर चढ़वाने के बाद बुधवार को उसे लेकर परिजन पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और वहीं जमीन पर उसे लिटा दिया। हालांकि एसपी शालिनी उस समय वहां मौजूद नहीं थीं लेकिन नगर पुलिस क्षेत्राधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने खुद जमीन पर बैठ कर घायल लड़के और उसके परिजनों की फरियाद सुनी।

सीओ राघवेन्द्र सिंह ने गुरुवार को बताया कि ‘मामले में पैलानी थाने में आईपीसी की धारा-323, 504 व 506 के अलावा एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया और सीओ सदर जांच कर रहे हैं। जांच में उभरे तथ्यों के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, घायल लड़के के पिता धर्मेन्द्र ने बताया कि दबंग उच्च वर्ग का है और उसने अपना रौब झाड़ने के लिए उनके बेटे की पिटाई की। पैलानी पुलिस पर समझौते के लिए दबाव बनाने का कथित आरोप भी लगाया है।

उधर, घटना को लेकर बहुजन समाज पार्टी के तेवर तीखे हो गए हैं। उप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे नरैनी क्षेत्र के पूर्व बसपा विधायक गयाचरण दिनकर ने कहा कि भाजपा सरकार में दलितों को चिन्हित कर निशाना बनाया जा रहा है। मुजफ्फरनगर में एक दलित युवक से पीट-पीट कर ‘जय श्रीराम’ कहलाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि उसकी पुनरावृत्ति बांदा में हो गई। उन्होंने कहा कि ‘दलित उत्पीड़न के मुद्दे पर बसपा जल्द ही सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेगी।

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सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए बनेगा कानून – केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव

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नई दिल्ली। लोकसभा में हगामे के बीच बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। अरुण गोविल के सवाल का जवाब में देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत अंतर है जहां पर ओटीटी पर अश्लील कंटेंट आते है।

केंद्रीय मंत्री ने आम सहमति बनाने का किया अनुरोध

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं चाहूंगा कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए। मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत है और मैं इस पर आम सहमति का अनुरोध करता हूं। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री भी चलाई जाती है।

नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है सरकार

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पहले कोई चीज पब्लिश करने के लिए संपादकीय टीम होती थी। इसकी वजह से कोई अश्लील कंटेंट पब्लिश नहीं होता था। जो अब नहीं है। अश्विनी वैष्णव ने यह बयान उनके डिप्टी एल मुरुगन द्वारा यह पुष्टि किए जाने के एक महीने बाद आया है कि सरकार ओटीटी सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है।

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