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मुख्य समाचार

एचडीएफसी एएमसी 25 जुलाई को लाएगी आईपीओ

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नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| देश की प्रमुख परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने आईपीओ लाने की घोषणा की है। एचडीएफसी का आईपीओ 25 जुलाई को खुलेगा और 27 जुलाई 2018 को बंद होगा। कंपनी ने आईपीओं के लिए कीमत पट्टी यानी प्राइस बैंड 1,095 से लेकर 1,100 रुपये प्रति शेयर रखी है। एचडीएफसी के प्रबंध निदेशक मिलिंद बर्वे ने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा कि एचडीएफसी एमएसी भारत में आकार की दृष्टि से दूसरी सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी है जिसका एयूम अर्थात एसेट्स अंडर मैनेजमेंट का मूल्य 2,92,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि एचडीएफसी के म्यूचुअल फंड के क्षेत्र में देश की गिनी-चुनी कंपनियों में से एक है।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि आईपीओ का कुल आकार 2,800 करोड़ रुपये का होगा और इसमें से कुछ कंपनी के कर्मियों के लिए आरक्षित रखने के बाद 2,400 करोड़ रुपये का ऑफर आम निवेशकों के लिए होगा।

उन्होंने कहा कि एचडीएफसी एएमसी की संवृद्धि दर बहुत मजबूत है और कंपनी के लाभ में बीते वित्त वर्ष में तकरीबन 31 फीसदी का इजाफा हुआ है। मिलिंद बर्वे ने बताया कि वित्त वर्ष 2016-17 में कंपनी का लाभ 550 करोड़ रुपये था जो 2017-18 में बढ़कर 721 करोड़ रुपये हो गया।

एचडीएफसी एएमसी का पिछले पांच साल के दौरान इक्विटी रिटर्न (आरओई) लगातार 40 फीसदी रहा है। एचडीएफसी एएमसी एचडीएफसी लिमिटेड और स्टैंडर्ड लाइफ इन्वेस्टमेंट की संयुक्त उद्यम कंपनी है और इस कंपनी की देश के म्यूचुअल फंड क्षेत्र में 13.7 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है।

कंपनी ने बताया कि यह आईपीओ 25, 26 और 27 जुलाई को उपलब्ध रहेगा और इश्यू का प्राइस बैंड 1,095 से लेकर 1,100 रुपये है और बिड्स में न्यूनतम 13 शेयर होंगे और उसके बाद 13 इक्विटी के गुणक के रूप में इसमें निवेश किया जा सकता है।

कंपनी ने बताया कि पांच रुपये प्रति शेयर के अंकित मूल्य के कुल 25,457,555 इक्वि टी शेयर के आईपीओ जारी किए जाएंगे जिनमें एचडीएफसी 85,92,970 शेयर और स्टैंडर्ड लाइफ इन्वेस्टमेंट 1,68,64,585 इक्विटी शेयर बेचकर धन जुटाएगी।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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