अन्तर्राष्ट्रीय
एच-1बी पेशेवरों के लिए अमेरिकियों से काम छीनना गलत : जॉन चैम्बर्स
नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| नेटवर्क उपकरण बनाने वाली अमेरिकी कंपनी सिस्को के कार्यकारी अध्यक्ष जॉन चैम्बर्स ने कहा है कि विदेशों से सॉफ्टवेयर इंजीनियर लाकर अमेरिकी लोगों को नौकरी से हटाना गलत है और चेतावनी दी कि जहां तक एच-1बी वीजा की बात है, तो इस बारे में हमें सचेत रहना होगा कि ‘हम गलत कदम न उठाएं।’ चैम्बर्स ने यहां संवाददाताओं से कहा, आप तमाम एच1-बी वीजा लेकर अमेरिकी कर्मचारियों की नौकरियां इसलिए नहीं छीन सकते, क्योंकि ऐसा करके आपकी लागत कम हो सकती है। यह केवल एक गलती है। हमें विवेश पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रौद्योगिकी कंपनियों से अमेरिका में अधिक से अधिक निर्माण करने व ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी लोगों को नौकरियां देने के लिए कहने के बाद इंफोसिस व विप्रो जैसी भारत की सॉफ्टवेयर क्षेत्र की बड़ी कंपनियों ने हाल में अमेरिका में ज्यादा से ज्यादा स्थानीय लोगों को नौकरी पर रखने का फैसला किया है।
चैम्बर्स ने हालांकि कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने में मदद करने के लिए सिस्को भारत के साथ-साथ अमेरिका में निवेश तथा अधिक संख्या में भारतीयों को नौकरी पर रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
चैम्बर्स ने आईएएनएस द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, निवेश के लिहाज से भारत एक बहुत बहुत बड़ा बाजार है। इसके पास पढ़ा-लिखा संसाधन है, जो यहां कंपनियों को व्यापार व विनिर्माण करने में मदद करता है। प्रगति काफी अच्छी है, लेकिन हमें तेजी से आगे बढ़ना होगा।
उन्होंने कहा, अमेरिका के साथ भी यही बात है। यह दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा है। हमारे दोनों देशों के साथ मिलकर काम करने से अमेरिका में लगभग 30.3 करोड़ लोगों तथा यहां लगभग 1.3 अरब लोगों को फायदा होगा। हम ज्यादा तेजी से तरक्की कर सकते हैं, क्योंकि हमारा उद्देश्य समान है।
सिस्को के नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई, पुणे, कोलकाता, हैदराबाद तथा गुरुग्राम के केंद्रों में लगभग 12,000 लोग कार्यरत हैं।
चैम्बर्स ने कहा, अगर सिस्को भारत में आगे बढ़ता है, तो यह अमेरिका में भी विकास करेगा।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक नए प्रतिनिधि संगठन अमेरिका-भारत सामरिक भागीदारी फोरम (यूएसआईएसपीएफ) की स्थापना की जा रही है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली देर बुधवार को आधिकारिक तौर पर नए संगठन का अनावरण करेंगे।
यूएसआईएसपीएफ ने एक बयान में कहा, यूएसआईएसपीएफ भारत और अमेरिका के बीच बेहद शक्तिशाली रणनीतिक साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना यूएसआईएसपीएफ के कार्य का प्रमुख भाग है, लेकिन इसका लक्ष्य इससे बहुत आगे है।
यूएसआईएसपीएफ के निदेशक मंडल में सिस्को के कार्यकारी अध्यक्ष जॉन चेम्बर्स शामिल होंगे।
चेम्बर्स ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिका में जून में बैठक की सफलता से मुझे अमेरिका और भारत के बीच मजबूत साझेदारी का भरोसा है, मेरा मानना है कि यह बाकी दुनिया के लिए एक मॉडल के तौर पर काम कर सकता है।
उन्होंने कहा, हमारे दोनों देश आने वाले महीनों व वर्षो में बड़ी उन्नति करने में सक्षम होंगे और यूएसआईएसपीएफ इस रोमांचक भविष्य का हिस्सा होने पर गौरवान्वित है।
अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष मुकेश अघी यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष होंगे और गौरव वर्मा मुख्य संचालन अधिकारी के तौर पर सेवा प्रदान करेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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