मुख्य समाचार
एमएनएफ सरकार ने कार्यभार संभाला
आइजोल, 15 दिसम्बर (आईएएनएस)| मुख्यमंत्री जोरमथांगा की अगुवाई में मिजो नेशनल फ्रंट(एमएनएफ) सरकार ने शनिवार को यहां कार्यभार संभाल लिया। इससे पहले यहां 10 वर्षो तक कांग्रेस ने शासन किया था। राज्यपाल कुम्मानाम राजशेखरन ने यहां राजभवन में एक समारोह में जोरमथांगा और मंत्रिपरिषद के 11 सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
जोरमथांगा (74) ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभाला है। इससे पहले वह 1998-2003 और 2003-2008 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे।
समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री लाल थानहावला, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड के.संगमा, असम गण परिषद(एजीपी) नेता और असम के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत, कई राजनीतिक पार्टियों के नेता और कई वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री सचिवालय के एक अधिकारी ने मीडिया से कहा, “मुख्यमंत्री कैबिनेट बैठक के बाद जल्द ही विभागों का बंटवारा करेंगे।”
एमएनएफ ने 28 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में 26 सीट हासिल की थीं, जो कि इस 40 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत से पांच सीट ज्यादा है।
एमएनएफ ने 2013 विधानसभा चुनाव में केवल पांच सीट हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को यहां 34 सीटें मिली थी। इस बार कांग्रेस को केवल पांच सीटें मिली हैं।
भाजपा ने यहां तुइचवांग से एकमात्र सीट जीतकर पहली बार मिजोरम विधानसभा में प्रवेश किया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लाल थनहावला को यहां चंपई दक्षिण और सेरछिप विधानसभा सीटों से हार का सामना करना पड़ा।
वहीं जोरमथांगा ने आइजोल पूर्व-1 से पांचवीं बार चुनाव जीता है।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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