Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

एमडीआई देगा मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारिओं को प्रशिक्षण

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 24 अगस्त (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने एमडीआई के सहयोग से एमडीआई के गुरुग्राम कैंपस में चार हफ्ते का उच्य स्तरीय रेजिडेंशियल प्रशिक्षण प्रोग्राम शुरू किया है।

प्रबंधकीय क्षमता में बेहतर दक्षता हासिल करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न उपक्रमों और मंत्रालयों में शीर्ष स्तर के अधिकारियों के लिए यह प्रशिक्षण शुरू किया गया है। इस प्रोग्राम से शीर्ष अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और अपनी परफॉर्मेस में सुधार करने में मदद मिलेगी। रेजिडेंशियल प्रशिक्षण प्रोग्राम का उद्घाटन ऑस्ट्रिया की राजदूत ब्रिगेट ओ. वॉल्चशोर्फर, संसदीय मामलों के मंत्रालय के सचिव राजीव यादव और एमडीआई के कार्यकारी निदेशक डॉ. सी. पी. श्रीमाली ने किया। यह प्रोग्राम 21 अगस्त से शुरू हुआ।

ऑस्ट्रिया की राजदूत ने विदेशी अनुभव की उपयोगिता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विदेश में इन अधिकारियों को विभिन्न क्षेत्रों के संबंधित विशेषज्ञों से आमने-सामने बातचीत का मौका मिलेगा और वे नई टेक्नोलॉजी और वर्क कल्चर को भी समझ सकेंगे।

संसदीय मामलों के सचिव राजीव यादव ने कहा कि इस तरह के एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम से अधिकारियों को यूरोप के विभिन्न देशों की तकनीकी प्रगति, वर्क कल्चर और नई स्किल्स समझने का मौका मिलगा।

इस ट्रेनिंग सत्र में शामिल वाणिज्य और कपड़ा मंत्रालय में चीफ कंट्रोलर ऑफ अकाउंट्स के तौर पर काम कर रहीं एस. नीलम कुमार ने कहा, ये काफी उपयोगी और नई-नई सूचनाएं प्रदान करने वाला जानकारी पूर्ण कार्यक्रम है। इसमें भागीदारों को कई देशों के प्रतिनिधियों से मिलने का मौका मिलेगा। यहां वित्त और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े लोग भी आए हैं। मुझे उम्मीद है कि इस तरह की ट्रेनिंग, एक्सपोजर और विचारों के आदान-प्रदान से हमें हमारे क्षेत्र में बेहतर ढंग से काम करने में मदद मिलेगी।

दूसरे अधिकारी संसदीय मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ. सत्यप्रकाश का मानना था कि इस तरह के प्रोग्राम से प्रशासनिक दक्षता कोबढ़ाने में मदद मिलेगी । इसके अलावा 2 हफ्ते का विदेश भ्रमण भी काफी मददगार साबित होगा।

सार्वजनिक क्षेत्र के शीर्ष उपक्रमों जैसे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, ऑयल इंडिया कॉरपोरेशन, एचपीसीएल, बीईएमएल, एनसीएल, ईसीआईएल, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और भारतीय डाक-तार विभाग के शीर्ष अधिकारी इस एडवांस मैनेजमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल हुए हैं।

Continue Reading

बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

Published

on

Loading

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

Continue Reading

Trending