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प्रादेशिक

एम्स फोन से करेगा मिरगी रोगियों की देखरेख

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नई दिल्ली| देश के दूर-दराज के इलाकों से राजधानी स्थित अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा वाले अस्पताल एम्स में उपचार के लिए रेल की अनारक्षित बोगियों में बिना सोए रात भर सफर कर आने वाले मिरगी रोगियों के बीच सफर में ही दौरे का शिकार होने की घटनाओं को देखते हुए जल्द ही एम्स टेलीफोन के जरिए इस तरह के रोगियों की आगे की देखरेख की सुविधा शुरू करेगा।

एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि कई रोगियों को संबंधित चिकित्सक से फोन पर परामर्श प्रदान कर राहत पहुंचाया जा सकता है और उन्हें लंबी दूरी की यात्रा के तनाव से मुक्ति दी जा सकती है।

एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग की प्रोफेसर ममता भूषण सिंह ने आईएएनएस से कहा, “रोगियों में अधिकांश बिहार या उत्तर प्रदेश के होते हैं। ये रोगी दवा लेने के दौरान तो महीनों तक दौरे का शिकार नहीं होते, लेकिन भीड़ भरे अनारक्षित रेल डिब्बे में बैठकर आते हुए न सो पाने के कारण कुछ रोगियों को ट्रेन में ही दौरे पड़ने लगते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “टेलीफोन से उपचार संबंधी परामर्श प्रदान कर न केवल उनका पैसा बचेगा, बल्कि समय भी जाया नहीं होगा।”

इस संबंध में एक अध्ययन अनियमित तरीके से चुने गए 450 रोगियों पर किया गया, जिनकी देखरेख फोन के जरिए की गई। उनसे यह पूछा गया कि क्या वे खुश और संतुष्ट हैं। सिंह ने कहा, “फोन पर उपचार परामर्श से वे अत्यंत खुश थे।”

सिंह ने कहा कि भारत में मिरगी के करीब 12 प्रतिशत रोगी हैं। ग्रामीण इलाकों में और डॉक्टरों की अधिक आवश्यकता है। इसके अलावा चिकित्सा शिक्षक और स्वयंसेवियों की भी जरूरत है जो स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद कर सकते हैं, क्योंकि अधिकांश लोग अभी तक दूसरों को बताने में संकोच महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा, “मिरगी को समझना और उसका इलाज कराना जरूरी है। इलाज वहन करने योग्य है और दवा के साथ रोगियों को मिरगी के बारे में शिक्षित होना जरूरी है कि इसका सटीक इलाज हो सकता है और यह कि दवाओं की खुराक व उचित नींद कभी नजरअंदाज नहीं की जानी चाहिए।”

मिरगी का सबसे बड़ा कारण टेपवर्म के अंडे हैं, जो अच्छी तरह नहीं पकाए गए सूअर का मांस खाने से या फिर गंदा पानी पीने से या बिना धोए पत्तों का सलाद या बंदगोभी खाने से हो जाता है।

न्यूरोसाइस्टिसेरोसि एक पारासाइटिक संक्रमण है, जो वयस्क टेपवर्म के अंडों के अंतरग्रहण का परिणाम है, जिससे विकासशील देशों में दौरे और मिरगी को पांव पसारने का मौका मिलाता है।

उन्होंने आगे बताया, “एक बार अंतरग्रहण हो गया तो टेपवर्म के अंडे दिमाग तक पहुंच जाते हैं। ये दूषित जल से या सलाद के पत्ते या पत्तागोभी खाने से आता है। पत्तागोभी या सलाद के पत्ते में टेपवर्म खुले में शौच त्यागने के कारण आ जाता है।”

अन्य राज्य

हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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