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एशियाई खेल (हॉकी) : भारतीय महिला टीम 20 साल बाद फाइनल में
जकार्ता, 29 अगस्त (आईएएनएस)| गुरजीत कौर ने आखिरी क्वार्टर में 52वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर भारतीय महिला हॉकी टीम को 20 साल बाद एशियाई खेलों के फाइनल में पहुंचा दिया।
यहां जारी 18वें एशियाई खेलों के 11वें दिन बुधवार को भारत ने गुरजीत के एकमात्र गोल के दम पर सेमीफाइनल में चीन को 1-0 से हराते हुए फाइनल का टिकट कटाया। भारतीय महिला हॉकी टीम ने इससे पहले 1998 में बैंकॉक में हुए एशियाई खेलों के फाइनल में जगह बनाई थी।
फाइनल में भारत का सामना शुक्रवार को जापान से होगा। इसी दिन कांस्य पदक के लिए चीन का मुकाबला दक्षिण कोरिया से होगा।
गुरजीत के गोल से पहले भारतीय टीम ने गोल करने के कई मौके गंवाए। टीम को कुल सात पेनाल्टी कॉर्नर मिले जिसमें से वो एक को ही गोल में तब्दील कर पाई। अगर भारतीय महिलाएं मौकों में से आधे को भी भुना लेतीं तो ज्यादा अंतर से मैच अपने नाम करतीं।
पूरे मैच में भारतीय टीम ही हावी रही लेकिन उसकी फिनिशिंग कमजोर होने के कारण कई मौकों पर चीन को हावी होने के अवसर मिले। भारतीय डिफेंस ने हालांकि चीन के हमलों का माकूल जवाब दिया।
भारतीय महिलाओं ने शुरुआत अच्छी की थी। टीम ने पहले क्वार्टर में धैर्य से खेला और सटीक पासिंग के जरिए चीनी खिलाड़ियों को गेंद पर ज्यादा पकड़ नहीं बनाने दी। आठवें मिनट में भारत को लगातार दो पेनाल्टी कॉर्नर मिले लेकिन दोनों पर गोल नहीं हो सका।
भारतीय महिलाएं लगातार चीन के घेरे में जगह बना रही थीं। इसी प्रयास में 13वें मिनट में भारत ने गोल करने का शानदार मौका बनाया लेकिन फॉरवर्ड लाइन इस प्रयास को गोल में बदलने में नाकाम रही।
दूसरे क्वार्टर आते ही भारतीय कप्तान रानी ने 16वें मिनट में मौका बनाया। इस बार चीन के डिफेंस ने उनके प्रयास को नाकाम कर दिया। दो मिनट बाद चीन को पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिसे टीम भुना नहीं पाई।
दूसरे क्वार्टर में चीन की टीम अच्छा खेली और उसने भारत की लंबे पास की नीति का तोड़ निकाल लिया था। लेकिन, भारतीय टीम भी चीन को अपने ऊपर हावी नहीं होने दे रही थी। क्वार्टर की समाप्ति के समीप उदिता के पास गोल करने का बेहतरीन मौका था। उदिता को गोल के सामने पास मिला जिस पर वो अपना नियंत्रण नहीं रख पाईं और मौका खो बैठीं।
तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में 31वें मिनट में ही भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला। रानी यहां भी विफल रहीं। रेफरी को लगा कि गेंद चीन की खिलाड़ी के पैर में लगी और उन्होंने पेनाल्टी स्ट्रोक दिया, लेकिन चीन ने रेफरल के जरिए अपने ऊपर आए इस संकट को टाल दिया।
भारत के पास खाता खोलने का एक और मौका 38वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर से आया। यहां गुरजीत ने शॉट लिया जो बाहर चला गया। 41वें मिनट में भारतीय महिलाओं को एक और पेनाल्टी कॉर्नर मिला और यह भी बेकार चला गया।
इस क्वार्टर में चीन ने तीन अच्छे काउंटर अटैक किए जिन्हें भारतीय डिफेंस ने नाकाम कर दिया।
भारत ने बाकी तीनों क्वार्टर की तरह चौथे क्वार्टर की भी आक्रामक शुरुआत की। रानी ने हाफ लाइन के पास से गेंद अपने कब्जे में ली और डी में प्रवेश किया लेकिन वह शॉट लेने में गलती कर बैठीं। अगले ही पल मोनिका ने भी इसी तरह की गलती की।
भारत को 51वें मिनट में लगातार तीन पेनाल्टी कॉर्नर मिले जिसमें आखिरी प्रयास में 52वें मिनट में गुरजीत ने गोल कर भारत का खाता खोला और फाइनल में जाने का रास्ता तय किया।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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