Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

एशियाई खेल (हॉकी) : भारतीय महिला टीम ने स्वर्ण व ओलम्पिक का टिकट गंवाया

Published

on

Loading

जकार्ता, 31 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय महिला हॉकी टीम को यहां 18वें एशियाई खेलों के फाइनल में शुक्रवार को जापान के हाथों 1-2 से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। जापान के लिए शिहोरी ओइकावा ने 11वें और मोतोमी कावामुरा ने 44वें मिनट में गोल किए। वहीं भारतीय टीम के लिए नेहाल गोयल ने 25वें मिनट में एकमात्र गोल किया।

इस हार के साथ ही भारतीय महिला टीम एशियाई खेलों में 36 साल बाद दूसरा स्वर्ण पदक जीतने से चूक गईं। भारत ने 1982 में नई दिल्ली में हुए नौवें एशियाई खेलों में पहली बार स्वर्ण पदक जीता था।

स्वर्ण से चूकने के कारण भारतीय महिला टीम को टोक्यो ओलम्पिक-2020 का टिकट भी गंवाना पड़ा। टोक्यो ओलम्पिक खेलने के लिए भारतीय टीम को अब क्वालिफाइंग मैच खेलने होंगे।

भारत को मुकाबले के 10वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिसपर उसके खिलाड़ी गोल करने से चूक गए। वहीं जापान ने 11वें मिनट में मिले पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर मैच में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।

पहले क्वार्टर में 0-1 से पिछड़ने के बाद भारतीय महिलाओं ने दूसरे क्वार्टर में अच्छी वापसी की और गेंद को अपने नियंत्रण में रखा।

भारतीय टीम को इसका फायदा उस समय मिला जब नेहा ने 25वें मिनट में नवनीत के रिवर्स शॉट पर गेंद को नेट के अंदर डिफ्लेक्शन कर भारत को 1-1 की अहम बराबरी दिला दी।

हाफ टाइम के बाद मैच 1-1 से बराबरी रहने के बाद भारतीय टीम तीसरे क्वार्टर में एक अलग रणनीति के साथ उतरी।

मैच के 35वें मिनट में नवजोत और वंदना ने अच्छा मूव बनाने की कोशिश की, लेकिन वंदना नवजोत के पास को ट्रैप नहीं कर पाई और जापान के गोलकीपर ने अच्छा बचाव कर लिया।

जापान को 44 मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर मिला जिस पर मोतोमी कावामुरा ने गोल कर अपनी टीम को 2-1 की महत्वपूर्ण बढ़त दिला दी।

मैच में 1-2 से पिछड़ने के बाद भारतीय टीम के लिए चौथा क्वार्टर करो या मरो वाला हो गया क्योंकि मैच में बने रहने के लिए टीम को हर हाल में बराबरी हासिल करनी थी।

हालांकि भारतीय टीम के पास चौथे क्वार्टर के आखिरी मिनट में गोल करने का शानदार मौका था।

लेकिन वंदना यह मौका चूक गई और भारतीय टीम बराबरी हासिल नहीं कर पाई तथा और उसे 1-2 से हार के कारण स्वर्ण के साथ-साथ टोक्यो ओलम्पिक-2020 का टिकट भी गंवाना पड़ा।

Continue Reading

नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

Published

on

Loading

नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

Continue Reading

Trending