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एशियाई खेल (हॉकी) : 36 साल का सूखा खत्म करने उतरेगीं भारतीय महिलाएं

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जकार्ता, 30 अगस्त (आईएएनएस)| कोच शुअर्ड मरेन के मार्गदर्शन में यहां जारी 18वें एशियाई खेलों के फाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय महिला टीम शुक्रवार को जापान को हराकर 36 साल बाद स्वर्ण पदक पर कब्जा करना चाहेगी।

अगर भारतीय टीम सोने का तमगा हासिल करने में कामयाब होती है तो उसे लगातर दो बार ओलम्पिक में खेलेने का सम्मान भी प्राप्त होगा। भारत ने पहली बार 1982 में नई दिल्ली में हुए नौवें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। 1982 में भारतीय महिला टीम पहली बार एशियाई खेलों में उतरी थी।

बुधवार को चीन के खिलाफ हुए एक रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबले में 1-0 की जीत दर्ज करते हुए भारत ने फाइनल में जगह बनाई है। डिफेंडर गुरजीत कौर ने 52वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए मैच का एकमात्र गोल करते हुए भारत को वर्ष 1998 में बैंकॉक में हुए एशियाई खेलों के बाद पहली बार फाइनल में पहुंचाया।

भारतीय महिला टीम ने इन खेलों अब तक एक स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक हासिल किए हैं। इस बार टीम ने ग्रुप स्तर के अपने सभी मुकाबलों में जीत दर्ज की है जिससे हर खिलाड़ी का आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है।

भारत ने इस टूर्नामेंट के ग्रुप स्तर के मुकाबलों में इंडोनेशिया (8-0), कजाकिस्तान (21-0), दक्षिण कोरिया (4-1) और थाईलैंड (5-0) को करारी शिकस्त दी।

हर मैच की तरह फाइनल मुकाबले में भी आक्रमण की जिम्मेदारी कप्तान रानी रामपाल के कंधों पर होगी।

रानी ने कहा, जापान के खिलाफ फाइनल मुकाबला रोमांचक होगा लेकिन हम मैच जीतने के लिए अपना 100 प्रतिशत देंगे। टीम जानती है कि वह यहां एक ही लक्ष्य हासिल करने आई है और वह है 2020 टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करना। इसलिए हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हम एशिया की सबसे बेहतरीन टीम की तरह खेलें और अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करे।

टूर्नामेंट में भारतीय टीम के डिफेंस का प्रदर्शन भी शानदार रहा है। दीप ग्रेस इक्का, दीपिका, गुरजीत कौर, सुनीता लाकड़ा और युवा खिलाड़ी रीमा खोकहर ने डिफेंस में अहम भूमिका निभाई है, हालांकि कोच मरेन का मानना है कि टूर्नामेंट में बेहतरीन डिफेंस का श्रेय भी टीम के सभी खिलाड़ियों के एकजुट प्रदर्शन को जाता है।

मरेन ने कहा, हमने पूरे टूर्नामेंट के दौरान बेहतरीन डिफेंस किया है और टैकलिंग में हम शानदार है। हमने दक्षिण कोरिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ ही केवल एक गोल खाया और इससे हमारी लड़कियों का आत्मविश्वास बहुत बढ़ा है। सभी ने अपने काम को बखूबी किया जिससे हमारा डिफेंस मजबूत हुआ और इसी कारण हमें हर मैच में मजबूत आधार मिला।

मरेन ने जापान के खिलाफ होने वाले मुकाबले पर कहा, हम जापान के खिलाफ खेल चुके हैं और हमें पता है कि वह एक मजबूत टीम है लेकिन मैं समझता हूं कि हमारे पास दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम को हराने की क्षमता है। हमारे लिए जरूरी है कि हम अपनी योजना पर अमल करें।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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