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मुख्य समाचार

एशिया का पहला हेल्थकेयर ब्लॉकचेन मोबाइल ऐप ‘हेल्थप्रो’ लॉन्च

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हैदराबाद, 30 अगस्त (आईएएनएस)| एशिया में हेल्थकेयर के पहले ब्लॉकचेन इनेबल्ड मोबाइल एप ‘हेल्थप्रो’ को गुरुवार को यहां लॉन्च किया गया।

यह ऐप अस्पताल, चिकित्सक, जांच केंद्र, फार्मेसी, बीमा और उपभोक्ता/ कॉपोर्रेट ग्राहकों के लिए एक मंच है जोकि हेल्थकेयर को किफायती एवं सुलभ बनाता है। हेल्थप्रो ऐप यह क्लीनिक्स और अस्पतालों के लिए एक विश्वसनीय मंच है, जो रोगी के साथ बेहतर जुड़ाव बनाता है और बीमा, वित्तदाता, फार्मेसी, जांच और स्वास्थ्य कर्मियों को उपभोक्ता तक पहुंचाकर परिचालन क्षमता और वृद्धि में मददगार है।

इस अवसर पर मौजूद भारत में इस्टोनिया के राजदूत रिहो क्रूव ने कहा, हालिया वर्षो में ब्लॉकचेन का उपयोग बढ़ा है और इस्टोनिया ब्लॉकचेन की क्रांति में अग्रणी है। ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी केवल डाटा की ही सुरक्षा नहीं करती बल्कि एक स्पीड कैमरे जैसा काम करती है, जो पता लगाता है कि किसने, कब और कैसे कानून का उल्लंघन किया। हेल्थप्रो जैसी क्रांतिकारी प्रौद्योगिकी रोगी केन्द्रित है और अस्पतालों के लिए परिचालन के संदर्भ में काफी दक्ष है और यह बहुत जल्द ही एक वरदान साबित होगी।

केयर4यू के चेयरमैन डॉ. कासू प्रसाद रेड्डी ने कहा, हेल्थप्रो खोजपरक तकनीकों, जैसे एआई और ब्लॉक चेन से पावर्ड है। यह स्वास्थ्य रक्षा की पारिस्थितिकी में स्वास्थ्य सम्बंधी डाटा की सुरक्षा, निजता, संलग्नता और पारस्परिकता बढ़ाकर स्वास्थ्य रक्षा उद्योग को रोगी केन्द्रित बनाने की क्षमता रखता है। ऐसा हो सकता है कि भविष्य में लोगों को स्वास्थ्य सम्बंधी आवश्यकताओं के लिए हमारे अलावा किसी के पास जाने की जरूरत न पड़े। केयर4यू रोगियों के लिए सरल वित्तीय विकल्प सुनिश्चित करेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी मरीज गंभीर बीमारी होने पर बिना उपचार के वापस ना जाए।

फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री के.जी. कृष्णमूर्ति राव ने कहा, हमने ब्लॉक चेन के उपयोग से दावों के त्वरित निपटान के लिए केयर4यू की भागीदारी से 65 अस्पतालों के साथ ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी वाले एक पायलट प्रोग्राम के क्रियान्वयन की योजना घोषित की है। इस समाधान से हमारे ग्राहकों के लिये दावों का निपटान तेजी से, सुसंगत और सुविधाजनक होगा।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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