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अन्तर्राष्ट्रीय

एस-400 मिसाइल सौदे पर चल रही बात : रूसी अधिकारी

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नई दिल्ली, 25 जनवरी (आईएएनएस)| रूस ने एस-400 ट्रिउम्फ वायु रक्षा मिसाइल की चीन को आपूर्ति शुरू कर दी है, लेकिन भारत को मल्टी बैरल सिस्टम के 40 से 400 किमी के रेंज वाली मिसाइल को बेचने के लिए चल रही बातचीत उन्नत चरण में है और इसमें कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए।

एक शीर्ष रूसी अधिकारी ने यह जानकारी दी।

रोस्टेक कॉरपोरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सर्गेई चेमेजोव ने आईएएनएस को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि अनुबंध के लिए ‘जल्दबाजी’ नहीं है, बल्कि दोनों पक्षों को बातचीत करने के लिए समय देना महत्वपूर्ण है। रोस्टेक कॉरपोरेशन का गठन करीब एक दशक पहले रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कंपनियों को मजबूत करने के लिए बनाया गया था।

चेमेजोव ने सौदे के बारे में कहा, अनुबंध के लिए चर्चा उन्नत चरण में है। वर्तमान में अनुबंध के तकनीकी विवरणों पर चर्चा की जा रही है।

उन्होंने कहा कि रणनीतिक उद्देश्यों के लिए सबसे ज्यादा आधुनिक उपकरण की आपूर्ति के लिए करीब 39,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

चेमेजोव ने कहा, इस परियोजना के अंतर-सरकारी समझौते पर गोवा में एक साल पहले हस्ताक्षर किए गए।

उन्होंने कहा, इन चीजों में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, बल्कि दोनों पक्षों को बातचीत के लिए समय दिया जाना चाहिए।

इस सौदे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अक्टूबर 2016 में भारत के दौरे के समय हस्ताक्षर हुए थे। इस सौदे को अंतिम रूप देने से पहले बातचीत तकनीकी हस्तांतरण, अंतिम मूल्य व कर्मियों के प्रशिक्षण जैसे कारकों पर की जा रही है।

भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, अनुबंध को अंतिम रूप दिए जाने के दो साल बाद मिसाइल प्रणाली की डिलिवरी शुरू हो जाएगी। भारत की शुरुआत में कम से कम 12एस-400 प्रणाली खरीदने की योजना थी, लेकिन इसे कम करके पांच कर दिया गया।

सूत्रों ने कहा कि भारत डिलिवरी में तेजी लाने के लिए ऑफसेट क्लॉज में बदलाव लाने को तैयार है। इस क्लॉज के तहत अनुबंध मूल्य का 30 फीसदी देश में फिर से निवेश करने की जरूरत होती है।

चेमेजोव ने कहा, यह कई तकनीकी विशिष्टताओं व मूल्यों शर्तो, उत्पादन व वितरण कार्यक्रमों के साथ बहुत जटिल अनुबंध है। हर चीज को सावधानी से समन्वित किया जाना चाहिए।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार देगा डोमिनिका, कोरोना के समय भेजी थी 70 हजार वैक्सीन

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डोमिनिका। कैरेबियाई देश डोमिनिका भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार- ‘डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित करेगा। भारतीय प्रधानमंत्री को कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका की मदद करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।भारत ने फरवरी 2021 में डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के 70 हजार डोज भेजे थे। यह वैक्सीन डोमिनिका और उसके पड़ोसी अन्य कैरेबियाई देशों के काम आई थी। भारतीय प्रधानमंत्री के डोमिनिका के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है।

डोमिनिका के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन भारत-कैरिबियन समुदाय (कैरिकॉम) शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी को डोमिनिका सम्मान से सम्मानित करेंगी। डोमिनिका के पीएम ऑफिस के आधिकारिक बयान में कहा गया, “फरवरी 2021 में, प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की 70,000 खुराकें उपलब्ध कराईं। एक उदार उपहार जिसने डोमिनिका को अपने कैरेबियाई पड़ोसियों को सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाया।” इसमें कहा गया कि यह पुरस्कार पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन को मान्यता देता है।

बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए पुरस्कार की पेशकश स्वीकार की। इसके मुताबिक पीएम मोदी ने इन मुद्दों को हल करने में डोमिनिका और कैरिबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और दूरदर्शिता का प्रतिबिंब हैं, जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शातें हैं।

 

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