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मुख्य समाचार

ओला 3 साल में 10 लाख बिजली चालित वाहन उतारेगी

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नई दिल्ली/बेंगलुरु, 30 अगस्त (आईएएनएस)| अग्रणी राइड प्लेटफॉर्म ओला ने देश की सड़कों पर बिजली चालित वाहनों की तादाद बढ़ाने और नवाचारी प्रयोग को बढ़ावा देने के मकसद से ‘ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट’ शुरू करने की घोषणा की है।

कंपनी ने कहा कि वह अपनी विशेष कार्यक्रम के तहत अगामी तीन साल में देश की सड़कों पर बिजली चालित वाहनों की तादाद 10 लाख करने की दिशा में काम कर रही है। ओला में सामरिक उपक्रमों के लिए वरिष्ठ उपाध्यक्ष आनंद शाह ने कहा, मोबिलिटी के क्षेत्र में बदलाव से लोगों के जीवन में सुधार हो रहा है और रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। इस बदलाव से शहरों की सड़कों पर भीड़ कम हो रही है और यह पहल प्रदूषण को कम करने में ही सहायक है। साझा वाहन की पहल से सड़कों पर भीड़ कम हुई है। ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि नवप्रवर्तनों का सकारात्मक प्रभाव जारी रहे।

कंपनी ने कहा कि शाह की अगुवाई में इंस्टीट्यूट में रणनीतिक विचारकों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और दुनियाभर के प्रशिक्षित विशेषज्ञों की एक प्रारंभिक टीम बनाई गई है। इन विशेषज्ञों ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, किंग्स कॉलेज-लंदन, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्टेक्चर, द कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस जैसे दुनिया के विख्यात संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट में एक वैश्विक सलाहकार बोर्ड होगा जो महत्वपूर्ण मसलों पर अपनी राय देगा। बोर्ड में मोबिलिटी क्षेत्र के करीब एक दर्जन विशेषज्ञों को अगले साल तक शामिल किया जाएगा।

कंपनी ने कहा कि उसकी योजना में जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से बचाव के लिए समुचित उपाय समेत परिवहन के क्षेत्र में नवाचार पर अमल करना है। साथ ही, रोजगार के अवसर पैदा करने और डिजिटलीकरण को प्रोत्साहन देना उसकी प्राथमिकताओं में शामिल है।

ओला की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि बिजली आधारित परिवहन को व्यावहारिक बनाने के लिए कंपनी ने पहले ही ‘मिशन टू इलेक्ट्रिक’ लांच किया है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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