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प्रादेशिक

कांग्रेस का दावा, राहुल की रैली में यूपी से पहुंचे 2 लाख कार्यकर्ता

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने सोमवार को दावा किया कि दिल्ली में रविवार को हुई राहुल गांधी की किसान रैली में यूपी से करीब 2 लाख कार्यकर्ताओं ने शिरकत की और समूचे देश से 5 लाख से अधिक किसानों ने रैली में पहुंचकर यह जता दिया कि वे केंद्र सरकार की नीतियों से खुश नहीं हैं।

प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष ललितेशपति त्रिपाठी ने कहा कि यूपी में खोई हुई जमीन तलाशने में जुटी कांग्रेस की प्रदेश इकाई दिल्ली की कामयाब किसान रैली को अपने लिए ‘संजीवनी’ के तौर पर देख रही है। उन्होंने कहा कि राहुल के नेतृत्व में पार्टी मजबूती से आगे बढ़ रही है। किसान रैली में प्रदेश के कार्यकर्ताओं ने जिस तरह से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, उससे विरोधी घबरा गए हैं। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यूपी से करीब 2 लाख कार्यकर्ताओं ने इस रैली में हिस्सा लिया।

मिर्जापुर जिले के मड़िहान विधानसभा क्षेत्र से विधायक त्रिपाठी ने कहा कि दिल्ली रैली में पश्चिमी उप्र से ज्यादा तादाद में लोग पहुंचे थे, जबकि पूर्वाचल और बुंदेलखंड से अपेक्षाकृत कम लोग पहुंचे, लेकिन कुल मिलाकर कार्यकर्ताओं ने जिस तरह का उत्साह दिखाया है, उससे संगठन के भीतर एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता किसानों को केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक की खामियां बताने के लिए पिछले एक महीने से जिला, ब्लॉक एवं गांव स्तर पर लगे हुए हैं। वे घर-घर जाकर किसानों को बता रहे हैं कि उनकी जमीन पर मोदी सरकार की ‘कुदृष्टि’ लगी हुई है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रपौत्र ललितेशपति ने कहा कि मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियां ही उसके लिए आत्मघाती साबित होंगी। कांग्रेस के कार्यकर्ता भूमि अधिग्रहण विधेयक की सच्चाई बताने के लिए सड़क पर उतर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह का रोष किसानों के भीतर दिखाई दे रहा है, उससे यह तय है कि किसान मोदी सरकार के इस विधेयक के खिलाफ सड़कों पर उतरने का मन बना चुके हैं। जिस तरह का माहौल रविवार को दिल्ली में दिखाई दिया, वह मोदी सरकार के बुरे दिन आने के संकेत हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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