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कॉलेजियम पर सुझाव की अवधि बढ़ी, 13 नवंबर तक होंगे जमा

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली की कार्यशैली को अधिक पारदर्शी व मानक आधारित बनाने के लिए सुझाव आमंत्रित करने की अवधि को बढ़ाकर 13 नवंबर तक कर दिया।

न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस.केहर की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने कहा कि समस्त सुझाव 13 नवंबर को शाम पांच बजे तक कानून व न्याय मंत्रालय के कार्यालय पहुंच जाना चाहिए, जिसे बाद में वरिष्ठ वकील अरविंद दत्तार व अतिरिक्त महाधिवक्ता पिंकी आनंद को सौंप दिया जाएगा।

न्यायालय ने हालांकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया को दत्तार व आनंद को सुझाव सौंपने के लिए 14 नवंबर तक का वक्त दिया। सभी सुझाव कॉलेजियम प्रणाली की कार्यशैली में पारदार्शिता, न्यायाधीशों के चयन के लिए योग्यता मानदंड, कॉलेजियम के लिए एक स्थायी सचिवालय की स्थापना, चयन के लिए विचार किए जा रहे न्यायाधीशों से संबंधित शिकायतों पर सुनवाई की प्रक्रिया पर ही सीमित होंगे।

महान्यायवादी के सुझाव का स्वागत करते हुए न्यायालय ने कहा कि कानून व न्याय मंत्रालय सुझावों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा, जिसे वरिष्ठ वकील दत्तार व एएसजी आनंद पहले ही प्राप्त कर चुके हैं। सुझावों पर विभिन्न वकीलों को सुनने के लिए न्यायालय ने दो दिनों की अवधि तय की जो 18 नवंबर से शुरू होगी। न्यायालय ने तीन सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया है, जिसमें महान्यायवादी मुकुल रोहतगी, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा तथा वरिष्ठ वकील फली नरीमन हैं, जो इस बात का फैसला करेंगे कि 18 नवंबर से हो रही सुनवाई के दौरान कौन-कौन वकील न्यायालय में पेश होंगे।

नेशनल

महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?

अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”

अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।

 

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