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नेशनल

क्रीम लगाने से गोरे नहीं हुए तो कोर्ट क्या करे : सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। क्रीम लगाने से आप गोरे नहीं हुए तो इसमें कोर्ट क्या कर सकती है। ये बात सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने एक जनहित याचिका की सुनवाई से इन्कार करते हुए कही। कोर्ट ने कहा, “कोर्ट ऐसे मामलों में गाइडलाइन जारी करने के लिए नहीं बैठी है। सुप्रीम कोर्ट के पास इससे भी कई अच्छे काम हैं करने के लिए।” अगर हम ऐसी याचिकाएं सुनने लगे तो कल लोग ये कहते कोर्ट आ जाएंगे कि बाल उगाने वाले तेल से उनके बाल नहीं आए। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ऐसे मामलों को लेकर उपभोक्ता अदालत जाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकार को कॉस्मेटिक सर्जरी से जुड़े क्लीनिक और उनके विज्ञापन पर गाइडलाइन बनाने का ऑर्डर देने की मांग से जुड़ी याचिका ठुकरा दी। मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू ने गुवाहाटी की डॉक्टर चंद्रलेखा की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर मशहूर कंपनी की क्रीम लगाने से आप गोरे नहीं हुए तो सुप्रीम कोर्ट क्याि कर सकता है?

दरअसल याचिकाकर्ता डॉ. चंद्रलेखा ने अपनी याचिका में कहा था कि बहुत सारी कंपनियां और अस्पताल लोगों को सुंदर बनाने का दावा कर उनसे पैसे ऐंठती हैं। याचिकाकर्ता ने कॉस्मैटिक्स सर्जरी और शरीर के अंगों को सुंदर बनाने का दावा करने वाले उत्पादों को लेकर कोर्ट से कोई दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था।

अन्य राज्य

बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने आई लाखों जनता, मची भगदड़

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भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित कुमुद विहार में आयोजित हनुमंत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। इसके कारण कई लोगों को चोटें आई हैं। कथा के संरक्षक बनवारी शरण महाराज ‘काठिया बाबा’ ने आयोजन समिति और पुलिस-प्रशासन पर मनमानी का आरोप भी लगाया। आयोजन स्थल पर पहुंचे कई लोगों ने कहा कि बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने आई महिलाओं को वीआईपी पास के बावजूद एंट्री नहीं दी गई। वहीं, वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण कई बार भगदड़ की स्थिति भी बनी रही।

व्यवस्था पर उठे सवाल

एक महिला चंद्रकला सुमानी ने बताया कि उनके पास वीआईपी पास थे। अगर सीटें नहीं थीं तो वीआईपी पास क्यों जारी किया गया है। यहां पर व्यवस्था काफी खराब है। पुलिस ने बिना सूचना के वीआईपी गेट को बदल दिया। कई महिलाओं ने आरोप लगाया कि अव्यवस्था के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई लोग नीचे गिरे लोगों के ऊपर से चढ़कर गुजर गए। कई लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। हालांकि, अव्यवस्था और तमाम आरोपों पर आयोजकों की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।

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