Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

खजुराहो तक रेल 2 साल में

Published

on

Loading

ललितपुर। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच के हिस्से बुंदेलखंड में कई विश्व प्रसिद्ध धरोहरें और पर्यटन स्थल हैं। पास ही खजुराहो भी है। खजुराहो का नाम लेते ही मानस पटल पर सदियों पहले पत्थर पर उकेरी गईं मूर्तियां कौंध उठती हैं। यहां पर्यटक खिंचे चले आते हैं, मगर यहां तक अगर रेल पहुंचा दे तो पर्यटकों को मजा आ जाए!

भव्य मंदिरों को लेकर पहचानी जानी वाली भूमि खजुराहो तक पहुंचने में पर्यटकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, हालांकि केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में खजुराहो तक रेलमार्ग के लिए 175 करोड़ रुपये दिए हैं। उम्मीद जागी है कि रेल खजुराहो तक पहुंचेगी, मगर दो और साल इंतजार करना होगा।

झांसी रेल मंडल के प्रबंधक संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया, “रेलवे पर्यटन स्थलों तक अपनी सेवाएं बढ़ाने को लेकर तेजी से कार्य कर ही है। इसी कड़ी में दुनिया के पर्यटन मानचित्र में खास जगह रखने वाले खजुराहो तक रेलगाड़ी डेढ़-दो साल में पहुंचने लगेगी।”

उन्होंने कहा कि इससे ललितपुर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यहां भी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। क्षेत्र के कई अनछुए इलाके रेलगाड़ी पहुंचने के बाद विश्व पर्यटन के नक्शे पर उभर सकेंगे। इसके साथ ही रेल यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर झांसी-टीकमगढ़ के भी दो फेरे बढ़ाए जाने की भी तैयारी चल रही है।

अग्रवाल ने कहा कि इसके अलावा देवगढ़ क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाने के लिए प्रदेश सरकार को बजट का प्रस्ताव भेज दिया गया है।

रेल मंडल प्रबंधक ने बताया कि इसके साथ ही स्थिति में सुधार के लिए अवैध वेंडरों को भी चिह्न्ति करने का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि दो पहिया वाहनों, टैक्सी आदि के लिए अलग से स्टैंड बनाए जाने के लिए भी जगह चिह्न्ति की जा रही है।

541 किलोमीटर लंबी ललिपुर-सिंगरौली रेलमार्ग परियोजना के अंतर्गत खजुराहो और पन्ना रेल योजना पर काम होना है। महोबा से लेकर खजुराहो तक हालांकि 85 किलोमीटर रेलमार्ग का काम पहले ही हो चुका है। इस रेल परियोजना के पूरा होने से बुंदेलखंड अंचल के छतरपुर, टीकमगढ़ और पन्ना जैसे जिले रेलमार्ग से सीधे जुड़ जाएंगे। इस रेलमार्ग में फिलहाल पन्ना नेशनल पार्क बाधा बना हुआ है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending