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नेशनल

खाने की आदत पर लगाम नहीं लगा सकते, संतुलन जरूरी : रविशंकर प्रसाद

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नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि लोगों की खाने की आदत पर लगाम नहीं लगाया जा सकता, लेकिन एक संतुलन बनाने की जरूरत है, क्योंकि देश में बड़ी तादाद में लोग गाय की पूजा करते हैं।

रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लोगों का एक बड़ा तबका गाय का आदर तथा उसी पूजा करता है..हम लोगों के खाने की आदत को नियंत्रित नहीं कर सकते। एक संतुलन होना चाहिए।

केंद्र में मोदी सरकार के तीन साल पूरा होने के मौके पर मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाने के लिए प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया था, जिसमें मंत्री ने ये बातें कहीं।

कानून मंत्री ने राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत के तहत संविधान के अनुच्छेद 48 का जिक्र किया, जो कहता है, राज्य को नस्ल सुधार कर तथा पशुवध पर रोक लगा कर आधुनिक एवं वैज्ञानिक तरीके से कृषि और पशुपालन को संगठित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

बीते 13 जून को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि केंद्र लोगों के खाने की पसंद पर किसी तरह की रोक नहीं लगाएगा। उनका बयान मिजोरम की राजधानी आईजोल में एक बीफ पार्टी के आयोजन के एक दिन बाद आया था।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री हर्षवर्धन पहले ही कह चुके हैं कि केंद्र सरकार अधिसूचना की समीक्षा करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अतीत में मुद्दे पर ‘बेहद कड़े शब्दों’ में बोल चुके हैं।

बीते तीन वर्षो में उनके मंत्रालय के तहत कानून, न्याय एवं विधायी विभाग में कानून की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि संख्या, गति तथा कार्यशैली के मामले में पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की तुलना में यह काफी आगे है।

न्यायालयों में भारी तादाद में लंबित मुकदमों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि देशभर के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों से 10 साल या उससे अधिक समय से लंबित मामलों (दीवानी तथा आपराधिक दोनों) को त्वरित तौर पर निपटाने के लिए वह पत्र लिखेंगे।

सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया ज्ञापन (एमओपी) के पूरा होने के मुद्दे पर कानून मंत्री ने कहा, काम जारी है। कई मुद्दों पर विचार-विमश किया गया और सर्वसम्मति बन गई।

एमओपी के पूरा होने से पहले जो मुद्दे अभी तक नहीं सुलझ पाए हैं, उसे बारे में चर्चा करने से इनकार करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार तथा शीर्ष न्यायालय के बीच के मुद्दों के मीडिया के सामने उजागर नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि एमओपी के पूरा न होने से न्यायिक नियुक्तियों पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ रहा है और साल 2016 में विभिन्न उच्च न्यायालयों में सर्वाधिक 131 न्यायाधीशों की नियुक्ति का जिक्र किया।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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