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गडकरी का गड़बड़ी से इंकार, विपक्ष ने मांगा इस्तीफा

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नई दिल्ली। ‘पूर्ति समूह’ में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने हंगामा किया और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का इस्तीफा मांगा। गडकरी ने ‘पूर्ति’ में भ्रष्टाचार के आरोप का खंडन किया। पूर्ति समूह में गडकरी की हिस्सेदारी है। कांग्रेस सांसदों ने सदन में बार-बार हंगामा किया, नारेबाजी की और गडकरी के इस्तीफे की मांग की। गडकरी ने अपनी सफाई में कहा कि ‘सीएजी रिपोर्ट की राजनीतिक कारणों से गलत व्याख्या की गई है।’

गडकरी ने राज्यसभा में कहा, “कोई घोटाला या अनियमितता नहीं हुई.. पूर्ति ने सारे ऋण चुकता किए हैं। मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है।” उनकी यह प्रतिक्रिया कांग्रेस की ओर से उनके इस्तीफे की मांग पर आई है। विपक्षी दल कांग्रेस ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट को लेकर गडकरी के इस्तीफे की मांग की। सीएजी की रपट में गडकरी की हिस्सेदारी वाले पूर्ति समूह में वित्तीय अनियमितताओं की बात कही गई है। रिपोर्ट में गडकरी का उल्लेख पूर्ति साखर कारखाना लिमिटेड (पीएसकेएल)के प्रमोटर/निदेशक के रूप में किया गया है। इस कंपनी को भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए 84.12 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया था। गडकरी ने कहा, “मेरी सदन से विनती है कि सीएजी रिपोर्ट मामले में तय प्रक्रिया का पालन करे और यदि संसदीय मामलों की समिति (पीएसी) को कोई गड़बड़ी मिलती है, तो कानून को अपना काम करने देना चाहिए।”

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने कहा, “सीएजी ने कहीं भी मेरे नाम का जिक्र गड़बड़ी करने वाले के रूप में नहीं किया है और न ही मेरे खिलाफ कोई प्रतिकूल टिप्पणी ही की है। पीएसकेएल मामले में न तो मुझ पर कोई तोहमत है और न ही भ्रष्टाचार या गबन का आरोप है।” गडकरी ने जैसे ही अपनी बात खत्म की, कांग्रेस सांसद विरोध-प्रदर्शन करने लगे। इस वजह से उपसभापति पी.जे. कुरियन ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वह गडकरी के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। आजाद ने कहा कि ऋण अलग-अलग उद्देश्यों के लिए लिया गया, लेकिन उसका इस्तेमाल ताप विद्युत पैदा करने के लिए हुआ।

इस पर केंद्रीय संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, “हम सिर्फ आपको संतुष्ट करने के लिए उनसे इस्तीफा नहीं ले सकते। भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है।” प्रश्नकाल के दौरान भी सदन में कमोबेश यही दृश्य देखने को मिला, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार 15-15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन के सभापति एम. हामिद अंसारी ने कार्यवाही अपराह्न् एक बजे तक के लिए स्थगित की। अपराह्न् एक बजे लंच के लिए कार्यवाही स्थगित होने से पूर्व सदन में भूमि सीमा समझौता विधेयक का संशोधित रूप पारित किया गया।

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अरविंद केजरीवाल ने किए तिरुपति बालाजी मंदिर के दर्शन, पत्नी सुनीता भी थीं साथ

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नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल आज तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे। यहां उन्होंने परिवार के साथ तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन किए। इस दौरान उनकी पत्नी सुनीत केजरीवाल भी उनके साथ रहीं।

बता दें कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन किए थे। इस दौरान उनके साथ अन्य लोग भी मौजूद थे।

इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने आरती में भाग लिया और माता वैष्णों का आशीर्वाद लिया। इसे लेकर अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट भी शेयर किया था।

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