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प्रादेशिक

गर्म क्षेत्रों में भी हो सकता है सेब उत्पादन

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कर्नाटक| उष्णकटिबंधीय कर्नाटक में कुछ प्रयोगधर्मी लोग सेब उत्पादन की कोशिश में जुटे हुए हैं। वे हिमाचल प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर जैसे ठंडे प्रदेशों की फसलें अपने राज्य में लगा रहे हैं।

बागवानी वैज्ञानिक मण्डी शहर के चरणजीत परमार इस कार्य में अपनी विशेषज्ञता से मदद कर रहे हैं।

अभी यह प्रयोग की अवस्था में है और सेब का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू नहीं हुआ है।

परमार ने कहा कि सेब का उत्पादन केरल और तमिलनाडु में भी हो सकता है।

परमार ने  कहा कि सेब का जो पेड़ पहाड़ों पर छह-सात वर्ष में फल देता है, उसने कर्नाटक में दो साल से कम अवधि में ही फल दे दिया है।

कर्नाटक में पहली बार 2011 में सेब का पौधा लगाया गया था। अब कर्नाटक के कूर्ग, तुमकुर, चिकमंगलूर और शिमोगा जैसे क्षेत्रों में 6,000 से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। इसकी आपूर्ति कुल्लू के बजौरा स्थित बागवानी विश्वविद्यालय की नर्सरी ने की है।

इस सफलता से अधिकाधिक लोग सेब की खेती के लिए उत्सुक हो रहे हैं।

परमार सोलन स्थित वाईएस परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय के पूर्व बागवानी विशेषज्ञ हैं। उन्होंने उष्णकटिबंधीय देश इंडोनेशिया में सेब की खेती से प्रेरणा ली है।

परमार के मुताबिक कर्नाटक में सेब का तेजी से उत्पादन इसलिए होता है, क्योंकि वहां सुषुप्तावस्था की अवधि नहीं होती है।

पहाड़ों पर सेब के वृक्ष से शीत ऋतु में पत्तियां झड़ जाती हैं और वे पेड़ सुषुप्तावस्था में चले जाते हैं।

कर्नाटक में शीत ऋतु के नहीं होने के कारण पेड़ को सुषुप्तावस्था से नहीं गुजरना पड़ता है। इसलिए वे पूरे वर्ष विकास करते रहते हैं और जल्दी फल देने लायक हो जाते हैं।

कर्नाटक में पैदा होने वाले सेब हालांकि 12-15 दिन ही टिक सकते हैं, जबकि पहाड़ों के सेब एक महीने तक टिक सकते हैं।

परमार ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि बेंगलुरू के के. नागानंद ने अपने छत पर विकसित बाग में एक गमले में सेब का पेड़ लगाया है।

उन्होंने ऐसे कई अन्य लोगों को भी जानकारी दी, जो ऐसा प्रयोग कर रहे हैं।

बिहार

बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी पर लगी रोक, शिक्षा मंत्री ने किया ऐलान

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पटना। बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी को स्थगित कर दिया गया है। सरकार ने यह फैसला पटना हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद लिया। दरअसल, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने मंगलवार यानी आज ही टीचर्स की ट्रांसफर-पोस्टिंग पॉलिसी पर स्टे लगा दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने पॉलिसी को स्थगित करने का फैसला किया।

शिक्षा मंत्री ने कही ये बात

बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में जल्द ही आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकार तबादला नीति में संशोधन कर सकती है। जरुरत पड़ी तो नई दबादला नीति भी लेकर सरकार आएगी।

मंत्री बोले- शिक्षकों के हित में होगी पॉलिसी

मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार के इस फैसले का पटना हाई कोर्ट के आदेश से कोई संबंध नहीं है। सरकार ने सोमवार को ही शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को स्थगित करने का फैसला किया था। सुनील कुमार ने यह भी कहा कि आगे जो भी नीति लाई जाएगी वह टीचरों की हित में होगी। मौजूदा पॉलिसी में कई व्यवहासिक दिक्कतें हैं, जिसे जल्द ही दूर किया जाएगा।

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