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साइंस

गूगल ने जीआईएफ प्लेटफार्म टेनोर का अधिग्रहण किया

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सैन फ्रांसिस्को, 28 मार्च (आईएएनएस)| गूगल ने एंड्रायड, आईओएस और डेस्कटॉप के लिए मोबाइल जीआईएफ कीबोर्ड और सर्च इंजन टेनोर का अधिग्रहण किया है, ताकि उसके यूजर्स को जीआईएफ इमेजेज प्राप्त करने तथा साझा करने में आसानी हो। गूगल इमेजेज के निदेशक (इंजीनियरिंग) केथी एडवर्ड्स ने मंगलवार को एक पोस्ट में लिखा, अधिकांश लोग किसी विषय के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने, अपने आप को अभिव्यक्त करने तथा संवाद करने में सहायता प्राप्त करने के लिए गूगल इमेजेज का इस्तेमाल करते हैं। हमने रोजाना लाखों जीआईएफ इमेज को सर्च होते हुए देखा है।

एडवर्ड्स ने कहा, हम इन दोनों जरूरतों को पूरा करने के लिए गूगल इमेजेज को विकसित करने का कार्य जारी रखे हुए हैं और हम टेनोर का अधिग्रहण कर जीआईएफ को अधिक बारीकी से ला रहे हैं, जो एंड्रायड, आईओएस और डेस्कटॉप के लिए जीआईएफ प्लेटफार्म है।

सर्च इंजन दिग्गज ने कहा, कंटेट की अपनी विशाल लाइब्रेरी के साथ टेनोर तुरंत मूड के हिसाब से सही जीआईएफ दिखाता है, ताकि अप सही जीआईएफ चुन सकें। टेनोर गूगल इमेजेज में इसे और सही तरीके से चुनने में मदद करेगा।

बयान में कहा गया है, टेनोर एक अलग ब्रांड के रूप में काम करता रहेगा।

द वर्ज के मुताबिक, फेसबुक टेनोर का अपने मैसेंजर में इस्तेमाल करती है, जिससे इस प्लेटफार्म के लाखों यूजर्स आसानी से जीआईएफ साझा करते हैं।

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साइंस

फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में

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नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।

होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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