प्रादेशिक
गेंदा फूल धान से ज्यादा मुनाफा दे रहे
रायपुर| छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर गंगा मैया मंदिर झलमला के बगल में एक किसान के खेत में गेंदे के फूल लहलहा रहे हैं। यह क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
किसान युवराज पटेल, अशोक पटेल ने बताया कि नर्सरी से गेंदा फूल के पौधे मिले हैं। इसे लगाने के बाद उनकी तकदीर बदलती जा रही है। फूलों से उन्हें मुनाफा हो रहा है। वह फूल व्यवासियों को नियमित गेंदा फूल बेच रहे हैं। इससे उन्हंे हर महीने 10 हजार रुपये से अधिक का शुद्ध मुनाफा हो रहा है।
कृषि विभाग के डीडीए यशवंत के.राम का कहना है कि फसल परिवर्तन की योजना पहले से ही बनी हुई है। जिले में लोग धान की ही खेती ज्यादा करते हैं, जबकि उन्हें अन्य फसल भी लेना चाहिए जिसमें ज्यादा मुनाफा है। कृषक युवराज पटेल ने एक प्रयास किया और वे कई गुना ज्यादा मुनाफा भी कमा रहे हैं। इसी तरह गन्ने की फसल में भी कई गुना ज्यादा मुनाफा है।
किसानों का कहना है कि पहले वे धान अन्य दलहनी, तिलहनी फसल बोते थे। इसके बाद कृषि अधिकारियों ने उन्हें गेंदा फूल लगाने के लिए प्रेरित किया। धीरे-धीरे उन्होंने गेंदा फूल लगाना शुरू किया।
पहले वे कम जमीन में इक्का-दुक्का गेंदे के पौधे लगाते थे। इससे उन्हें मुनाफा मिला। गेंदा फूल से लाभ को देखते हुए उन्होंने इस साल 60 डिसमिल कृषि जमीन पर गेंदा फूल के पौधे लगाए हैं। रोजाना फूल की बिक्री हो रही है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
किसान ने बताया कि वे पांच साल से गेंदे का पौधा लगा रहे हैं। गेंदे के फूल को बालोद, गुरुर, दुर्ग, धमतरी अन्य शहरों में भेजा जाता है।
उन्होंने कहा कि धान उत्पादन की अपेक्षा गेंदे के फूल से मुनाफा अधिक हो रहा है। गेंदे के पौधे पांवर प्रजाति के हैं, जो सालभर खिले रहते हैं। वहीं आसपास क्षेत्रों से आए दिन लोग गेंदे का फूल खरीदने पहुंचते हैं।
ज्ञात हो कि जिले में गेंदे के फूल का उत्पादन नहीं होने से अन्य जिलों पर निर्भर रहना पड़ता है। साथ ही दूसरी जगहों से फूल लाने से समय भी ज्यादा लगता था। इस दौरान फूल भी मुरझा जाते थे। साथ ही रौनकता भी घट जाती थी।
लोगों में ताजे फूल की मांग ज्यादा रहती है, लेकिन अब ब्लॉक में ही गेंदे का उत्पादन होने से लोगों को ताजा फूल मिल रहा है। शादी, पार्टी, जन्मदिन, विशेष समारोह, पुष्पहार बनाने, सांस्कृतिक कला मंच सजाने, अतिथियों के स्वागत, वाहनों को सजाने अन्य मौकों पर गेंदे फूल को लोग ले जा रहे हैं। इससे किसान को ज्यादा मुनाफा हो रहा है।
झारखण्ड
झारखंड : मारा गया 15 लाख का इनामी नक्सली छोटू खरवार, आपसी लड़ाई में गई जान
रांची। झारखंड में 15 लाख के इनामी नक्सली छोटू खरवार की हत्या हो गई है। छोटू खरवार की मौत आपसी लड़ाई में हुई है। पलामू डीआईजी वाई एस रमेश ने आज इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि आपसी विवाद में माओवादी छोटू खरवार की हत्या हुई है। हालांकि पुलिस द्वारा पूरे मामले की जांच की जा रही है।
झारखंड के नक्सली छोटू खरवार को झारखंड का सबसे बड़ा नक्सली कहा जाता है। जिसके ऊपर 15 लाख का इनाम रखा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, छोटू खरवार की हत्या आपसी लड़ाई में की गई है। हत्या को अंजाम छिपादोहर थाना क्षेत्र के भीमपांव जंगल पास दिया गया है। हालांकि अभी तक हत्या का सही कारण सामने नहीं आया है, इसकी जांच पुलिस कर रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से माओवादियों के बीच आपसी रंजिश की खबरें सामने आईं। इसी रंजिश का समझौता करने के लिए माओवादी नक्सली भीमपाव जंगल में जमा हुए थे। समझौते के दौरान ही सभी माओवादी एक दूसरे से भिड़ गए। इसी बीच एक माओवादी ने गोली चलाई, जो छोटू खरवार को लगी। घटना के बाद छोटू खरवार के शव को छोड़कर सभी लोग जंगल से फरार हो गए। पलामू डीआईजी वाई एस रमेश ने पुष्टि करते हुए कहा कि जंगल में उनको एक बॉडी मिली जो छोटू खरवार की है।
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