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अन्तर्राष्ट्रीय

चीनी छात्रा के अपहरण में शामिल संदिग्ध को जमानत नहीं

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वाशिंगटन, 6 जुलाई (आईएएनएस)| अमेरिकी संघीय न्यायाधीश एरिक लोंग ने बुधवार को इलिनोइस विश्वविद्यालय की छात्रा को अगवा करने के आरोपी शख्स को जमानत देने से मना कर दिया। चीन की अगवा छात्रा यींगयींग झांग की सुनवाई पूरी होने तक संदिग्ध आरोपी ब्रेंडेट क्रिस्टेनसेन को जेल में ही रखा जाएगा।

यूआई के पूर्व छात्र ब्रेंडेट क्रिस्टेनसेन (28) को बुधवार दोपहर उरबाना में संघीय अदालत के समक्ष दूसरी बार पेश किया गया। इस 20 मिनट की सुनवाई में संदिग्ध ने कुछ भी नहीं कहा।

लोंग ने क्रिस्टेनसेन को समाज के लिए खतरा बताया है। उन्होंने अमेरिकी वकील ब्रायन फरेरेस द्वारा पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर यह बयान दिया है।

लोंग ने कहा कि जमानत की अर्जी चार आधारों पर खारिज की गई। पहला, अगवा करने का तरीका बहुत ही भयावह है। दूसरा, अभियोजकों द्वारा पेश किए गए साक्ष्य पुख्ता हैं। तीसरा, संदिग्ध लंबे समय से बेरोजगार है और चौथा यदि क्रिस्टेनसेन को जमानत दे दी गई तो वह समाज के लिए खतरा बन सकता है।

क्रिस्टेनसेन की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी।

गौरतलब है कि क्रिस्टेनसेन पर झांग को बहला-फुसलाकर कार में बैठाने का आरोप है। जांग उरबाना में बस का इंतजार कर रही थी कि तभी क्रिस्टनसेन ने उसे बहला-फुसलाकर अपनी कार में बैठा लिया और उसे अपने अपार्टमेंट में बंधक बनाकर रखा। झांग को तभी से नहीं देखा गया है और प्रशासन ने 30 जून को दिए बयान में कहा था कि ऐसा लगता है कि झांग की मौत हो चुकी है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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