अन्तर्राष्ट्रीय
चीन 2020 तक बनाएगा बाधारहित परिवहन व्यवस्था
बीजिंग, 13 जनवरी (आईएएनएस)| चीन 2020 तक बाधारहित परिवहन के लिए एक सेवा प्रणाली स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। चीन के परिवहन मंत्रालय (एमओटी) ने शनिवार को यह जानकारी दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट में शनिवार को कहा गया कि एओटी, आवास और शहरी-ग्रामीण विकास मंत्रालय, चायना डिजेबल्ड पर्सन्स फेडरेशन और चार अन्य विभागों ने संयुक्त रूप से गुरुवार को बुजुर्गो और दिव्यांगों के लिए परिवहन सेवाओं में सुधार लाने पर एक दिशानिर्देश जारी किया।
साल 2020 तक बाधारहित सुविधाएं सभी नए बने और दुबारा बने रेलवे स्टेशनों, एक्सप्रेसवे के साथ बने सेवा केंद्रों, एयरपोर्ट टर्मिनलों और अन्य परिवहन सुविधाओं पर दिव्यांगों और बुर्जुगों के लिए मुहैया कराई जाएगी।
दिशानिर्देश में डाकघरों को यह निर्देश दिया गया है कि बुर्जुगों और दिव्यांगों के किसी भी खत को दिए गए पते तक पहुंचाया जाए, जबकि 50 लाख से अधिक की आबादी वाले सभी शहरों में नई लो-फ्लोर बसें चलाई जाएंगी।
इसके अलावा दिशानिर्देश में स्थानीय सरकारों को बाधारहित अवसंरचनाओं के निर्माण के लिए जमीन और धन मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है।
इसमें उन नीतियों को बनाने के लिए कहा गया है जिसमें गाइड कुत्तों (नेत्रहीनों को रास्ता दिखाने वाला प्रशिक्षित कुत्ते) को सार्वजनिक परिवहन में सफर करने तथा सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं में ब्रेल लिपि में संकेत लिखने की अनुमति प्रदान की जाए।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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