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चुनाव की निगरानी करेंगे ड्रोन
नई दिल्ली | बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को जहां देश की दशा-दिशा तय करने वाला करार दिया जा रहा है वहीं इन सबके बीच चुनाव आयोग ने कमर कस ली है। आयोग पहली बार इन चुनावों की निगरानी के लिए ड्रोन का प्रयोग करेगा। एक वरिष्ठ निर्वाचन अधिकारी ने यह जानकारी दी| बिहार के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर. लक्ष्मणन ने बताया की चुनाव सर्वेक्षण के लिए पहले हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा चुका है लेकिन इस बार ड्रोन का प्रयोग शायद पहली बार किया जा रहा है। लक्ष्मणन ने ड्रोन के प्रयोग के बारे में अधिक जानकारी देने से इंकार कर दिया।
देश के तीसरे सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया 12, 16, 28 अक्टूबर, एक नवंबर और पांच नवंबर को पांच चरणों में पूरी की जाएगी। मतों की गणना आठ नवंबर को होगी। लक्ष्मणन ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना,पैसों का दुरूपयोग, आदर्श आचार संहिता लागू करना और मतदाताओं की भगीदारी बढ़ाना निश्चित रूप से सबसे बड़ी चुनौती होगी। चुनाव तैयारियों के निरीक्षण के लिए लगभग चार लाख 89 हजार असैनिक अधिकारियों और छह लाख सुरक्षा सैनिकों को तैनात किया गया है।
लक्ष्मणन ने कहा कि छह अक्टूबर तक 15 लाख 56 हजार करोड़ रुपये और मतदान के दिनों में बांटने के लिए इकठ्ठी की गई लगभग पांच लाख लीटर शराब जब्त की जा चुकी है। लक्ष्मणन के मुताबिक चुनाव खर्चो के मामले में पैसा और शराब दो ऐसी चीजें हैं जिन पर निगरानी रखना बड़ी चुनौती है। चुनाव कार्यालय इनके उल्लघंन के लिए अब तक 265 प्राथमिकियां दर्ज कर चुका है। वहीं दूसरी तरफ सबसे बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था बनाए रखना है।
लक्ष्मणन ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में नक्सलियों से गंभीर खतरे वाले ग्यारह जिलों में चलाए गए तलाशी अभियानों के सकारात्मक नतीजे निकले हैं। 300 विस्फोटकों और 800 गैर कानूनी हथियारों की बरामदगी के साथ उल्लेखनीय सफलता मिली है। चुनाव संबंधी तैयारियां काफी पहले ही शुरू की जा चुकी हैं और तैनाती के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल मौजूद हैं।
राज्य के 62,779 मतदान केंद्रों में छह करोड़ छह लाख मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे जिनमें तीन करोड़ एक लाख महिला मतदाता शामिल हैं। इनमें से भागलपुर, खागड़िया, वैशाली और अन्य क्षेत्रों में स्थित कुछ मतदान केंद्र राज्य के दुर्गम इलाकों में स्थित हैं जहां पहुंचना कठिन है। निर्वाचन अधिकारियों को मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए एक मुश्किल इलाके से गुजराना होगा और एक नदी भी पार करनी होगी। पहली बार मतदान करने जा रहे लगभग 50 लाख नए मतदाताओं के लिए भी कई तैयारियां की गई हैं।
वहीं चुनाव की तारीखों के बीच आने वाले त्योहारों दुर्गा पूजा और मुहर्रम के मद्देनजर इस दौरान हमें सामुदायिक सद्भवना को भी सुनिश्चित करना होगा क्योंकि चुनावों के बीच इन त्योहारों के दौरान सुरक्षा इंतजाम की व्यवस्था भी हम ही संभालते हैं। लक्ष्मणन ने कहा कि नेता आमतौर पर आचार संहिता का पालन करते हैं लेकिन अगर हम उनके भाषणों में इनका उल्लघंन देखते हैं तो आयोग उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करता है। उदाहरण के तौर पर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता सुशील कुमार मोदी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किए गए थे और दोनों ने नई दिल्ली में निर्वाचन आयोग को संबंधित सफाई दी है। लक्ष्मणन ने कहा कि राज्य में मतदान केंद्र पर कब्जे और हिंसा का दौर जा चुका है और 2005, 2009 और 2010 के चुनावों में ऐसी कोई भी घटना सामने नहीं आई।
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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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