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मुख्य समाचार

छत्तीसगढ़ में किसान की आत्महत्या के लिए सरकार जिम्मेदार : उइके

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रायपुर, 15 जून (आईएएनएस/वीएनएस)। मरवाही के एक किसान की आत्महत्या मामले में कांग्रेस की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपी है।

जांच समिति के समन्वयक और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उईके ने आज पत्रकारवार्ता में कहा कि किसान सुरेश मरावी की आत्महत्या के लिए सरकार जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि लगातार अकाल से किसान कर्ज से परेशान था। उन्होंने आत्महत्या की परिस्थिति, कारणों और जांच समिति के निष्कर्षों को सिलसिलेवार बताया।

उन्होंने कहा कि मरवाही के किसान सुरेश सिंह मरावी की आत्महत्या को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से गठित जांच समिति ने परिजनों से मुलाकात कर घटना की वस्तुस्थिति को जानने का प्रयास किया। 2014-15, 2015-16 और 2016-17 में लगातार अकाल पड़ा। ऐसी स्थिति में बैंक की ओर से नोटिस जारी करना आवश्यक नहीं था। बैंक से दबावपूर्वक नोटिस तामील की थी। पहला नोटिस 28,621, दूसरा नोटिस 1,50,606 का दिया गया था। शासन की ओर से फसल बीमा की राशि समय पर नहीं दी गई। किसान को बीमा राशि मात्र 2014-15 में 12000 रुपए प्राप्त हुई थी। 2016-17 में बीमा राशि 13361 रुपए स्वीकृत की गई, जिसका मृत्यु दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि पत्नी और 4 छोटे बच्चों और माता भानमती बाई की परवरिश (पालन पोषण) के लिए शासन की ओर से कम से कम 25,00000 रुपए की भरपाई की जानी चाहिए। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी भी शासन को लेनी चाहिए। प्रकरण में दोषी समस्त अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। जनधन बीमा की राशि दो लाख रुपए मृतक की पत्नी भागवती बाई के नाम पर प्राप्त होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि किसान कांग्रेस के माध्यम से पीड़ित परिवार को लाभ दिलाने के लिए जन आंदोलन किया जाएगा। पत्रकारवार्ता में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, संचार विभाग की सदस्य किरणमयी नायक, प्रवक्ता धनंजय ठाकुर, किसान कांग्रेस के अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला मौजूद थे।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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