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नेशनल

छात्रा की आत्महत्या पर तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन

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चेन्नई, 2 सितम्बर (आईएएनएस)| तमिलनाडु में एक 17 वर्षीय दलित छात्रा एस. अनीता द्वारा आत्महत्या करने से भड़की राजनीतिक पार्टियां और छात्र संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और राज्य सरकार व केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे हैं। छात्रा की आत्महत्या ने मेडिकल कॉलेजों में राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) के आधार पर प्रवेश को लेकर मामला गरमा दिया है।

राज्य की राजधानी में यहां दलित पार्टी विदुथालाई चिरुथैगल काच्चि (वीसीके) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने विरोध प्रदर्शन किए।

इस जानकारी के बाद कि एक सामाजिक संगठन यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करेगा, कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई। विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए यहां मरीना बीच पर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई।

माकपा द्वारा तिरुनेलवेली जिले में प्रदर्शन किया गया।

रपटों के मुताबिक, राज्य में कोयम्बटूर, वेल्लोर, विल्लुपुरम और कई अन्य जगहों पर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किए। अरियलुर में दुकानें बंद रहीं।

एक दैनिक मजदूर की बेटी अनीता अरियलुर जिले की रहने वाली है। उसने 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा में 1,200 में से 1,176 अंक प्राप्त किए थे।

अनीता ने मेडिकल कॉलेजों में नीट प्रवेश परीक्षा बंद कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी और उसने कहा था कि इस परीक्षा से मेडिकल सीट पाने की संभावना को लेकर ग्रामीण इलाकों के गरीब छात्र-छात्राओं पर असर पड़ेगा।

अनीता के रिश्तेदारों ने बताया कि वह मेडिकल सीट पाने के लिए नीट में ज्यादा अंक नहीं ला सकती थी और शुक्रवार को उसने आत्महत्या कर ली।

अनीता की मौत पर तमिलनाडु की विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी की सरकार और भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की निंदा की।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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