मुख्य समाचार
जयललिता मामले में अभियोजक की नियुक्ति गलत : सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय में चल रहे आय से अधिक संपत्ति मामले में तमिलनाडु द्वारा विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) की नियुक्ति को कानूनी रूप से गलत ठहराया है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आर. के. अग्रवाल और न्यायमूर्ति प्रफुल्ल सी. पंत की पीठ ने भवानी सिंह की नियुक्ति को दोषपूर्ण करार दिया और साथ ही यह भी कहा कि आय से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता की याचिका पर आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार के पास भवानी सिंह को एसपीपी के तौर पर नियुक्त करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि न्यायालय में मामला कर्नाटक सरकार चला रही है, लिहाजा एसपीपी की नियुक्ति का अधिकार कर्नाटक सरकार के ही पास है।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेता के. अंबाझगन ने तमिलनाडु सरकार की तरफ से की गई नियुक्ति को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह फैसला सुनाया।
जयललिता एवं तीन अन्य आरोपियों को 27 सिंतबर, 2014 को बेंगलुरू की एक अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराया था। जयललिता ने अदालत के इस फैसले को चुनौती दी थी।
बेंगलुरू की अदालत ने जयललिता को चार साल कारावास की सजा सुनाई थी और 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
जयललिता के अतिरिक्त उनकी सहयोगी एन. शशिकला, वी. एन. सुधारकरण और जे. इलावारसी को भी सजा सुनाई गई थी। इन तीनों ने भी उच्च न्यायालय में अपील की थी।
न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति आर. भानुमति की पीठ ने 17 अप्रैल को खंडित फैसला सुनाया था, जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने मामले पर सुनवाई की।
न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा था कि भवानी सिंह की नियुक्ति से कर्नाटक उच्च न्यायालय की सुनवाई को प्रभावित किया है, जबकि न्यायमूर्ति भानुमति को भवानी सिंह की नियुक्ति में कानूनी गड़बड़ी नजर नहीं आई थी।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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