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मुख्य समाचार

जलवायु लक्ष्य हासिल करने प्रौद्योगिकी, धन की जरूरत : भारत

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दा नांग (वियतनाम), 28 जून (आईएएनएस)| भारत जलवायु संबंधी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, मगर इसके लिए प्रौद्योगिकी और धन की जरूरत है।

भारत के एक अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि उनका देश अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण समझौते के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लगातार काम कर रहा है।

केंद्रीय पर्यावरण सचिव सी. के. मिश्रा ने कहा कि भारत पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संबंधी चुनौतियों की गंभीरता को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने ग्लोबल एनवायरमेंट फैसिलिटी (जीईएफ) के नए निवेश चक्र में अपने 1.5 करोड़ डॉलर के योगदान में 25 फीसदी का इजाफा करने का फैसला किया है।

सी. के. मिश्रा यहां आयोजित जीईएफ के छठे सम्मेलन के समापन पर आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। चार साल पर आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में इस बार दुनियाभर से 1,000 से अधिक प्रतिनिधि पहुंचे थे।

जीईएफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए बना एक साझा संगठन है, और इसमें 183 देशों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, सिविल सोसायटी के संगठन और निजी क्षेत्र मिलकर वैश्विक पर्यावरण संबंधी मसलों के समाधान के लिए काम करते हैं।

उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि हिमालय के बायोम पर दुनिया की नजर होनी चाहिए, क्योंकि यह दुनिया में जैवविविधता के जाने-माने केंद्रों में शामिल है और यह महत्वपूर्ण भी है।

उन्होंने कहा, हम जीइएफ-7 कार्यक्रम से आइची जैव विविधता लक्ष्य को हासिल करने के लिए हिमालयी देशों को मदद करने का आग्रह करते हैं। साथ ही, हम जीईएफ-7 में भूमि अवकर्षण पर नए सिरे से ध्यान देने और 15 करोड़ हेक्टेयर वनों की कटाई की जाने वाली भूमि और 2020 तक अवकर्षित भूमि को बचाने के लिए बॉन चुनौती को पूरा करने की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं।

भारत में नगरों के टिकाऊ विकास के लिए जीईएफ कोष का प्रवाह बढ़ाने का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा, हम टिकाऊ शहरी कार्यक्रम के जरिए वायु गुणत्ता समेत शहरों की दशा सुधारने के लिए देशों की मदद की अपेक्षा करते हैं।

जीईएफ के चार साल के नए निवेश चक्र को जीईएफ-7 कहा गया है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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