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‘जीएसटी पर सहमति होने पर ही संसद का विशेष सत्र’

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ब्रजेंद्र नाथ सिंह

नई दिल्ली। केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक पर कांग्रेस और वामपंथी दलों समेत सभी दलों की सहमति बन जाने के बाद ही इसे पारित कराने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

जीएसटी विधेयक का उद्देश्य देश में तमाम तरह के अप्रत्यक्ष करों को समाप्त कर एक ही प्रकार की कर व्यवस्था लागू करना है। सरकारी वार्ताकारों ने इस विधेयक पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से बात की लेकिन इसका कोई खास उत्साहजनक नतीजा नहीं निकला। राहुल इस बात पर दृढ़ हैं कि यह विधेयक तभी पास हो सकेगा जब इसमें कांग्रेस के सुझाए बदलाव शामिल कर लिए जाएंगे।

वित्त मंत्री अरुण जेटली, संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू और संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी जीएसटी पर आम राय बनाने के लिए सभी राजनैतिक दलों से मिल रहे हैं। सरकारी सूत्रों के मुताबिक अधिकांश दल विधेयक के पक्ष में हैं। सिर्फ कांग्रेस और वाम दल अपने रुख पर अड़े हुए हैं। हालांकि तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने सरकार को बता दिया है कि विधेयक को उनका समर्थन तभी मिलेगा जब इस पर व्यापक स्तर सहमति बन जाएगी।

सत्तारूढ़ राजग के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है। उसके पास केवल 63 सांसद हैं जबकि बहुमत के लिए 245 सदस्यीय सदन में कम से कम 163 सदस्यों की सहमति जरूरी है। मुख्तार अब्बास नकवी ने आईएएनएस से कहा, “कांग्रेस में एक अहंकारी समूह है। इसी समूह की नासमझी ने जीएसटी पर भ्रम की स्थिति बनाई है। लेकिन हमें विश्वास है कि आने वाले दिनों में विधेयक पारित हो जाएगा।” नकवी ने कहा, “कांग्रेस भी जीएसटी के पक्ष में थी। उसकी एक ही मांग थी कि इसे प्रवर समिति के पास भेजा जाए। यह मांग पूरी हो चुकी है। प्रवर समिति ने अपनी रपट सौंप दी है। अब कांग्रेस को अपना वादा पूरा करना चाहिए।”

नकवी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा, “किसी की आक्रामकता को देश की तरक्की को रोकने वाला नहीं बनना चाहिए। देश के विकास के रास्ते में अड़चनें लगाना, आक्रामकता नहीं है। यह उन्हीं लोगों के खिलाफ जाएगी जो देश के विकास को रोक रहे हैं।” जीएसटी विधेयक एक संविधान संशोधन विधेयक है। इसे पारित कराने के लिए जरूरी है कि इसे संसद के दोनों सदनों में मौजूद सदस्यों का दो तिहाई बहुमत मिले।

संविधान विशेषज्ञ और पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप ने आईएएनएस से कहा, “जीएसटी एक संविधान संशोधन विधेयक है। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक या अध्यादेश के जरिए किसी संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराया जा सके। इसे पास कराने का कोई और तरीका है ही नहीं।”

जीएसटी को पारित कराने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ही संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति ने संसद के मानसून सत्र को समाप्त करने के बजाए इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित रखने का फैसला किया था। सूत्रों ने कहा कि संसद के मानसून सत्र को फिर से बुलाया जाए या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि जीएसटी पर सहमति बनती है या नहीं।

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हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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