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मुख्य समाचार

जेटली ने ईमानदार फैसले लेने में उद्योग से मदद मांगी

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नई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि फैसले लेने में हुई भूल और फैसले लेने में भ्रष्टाचार के बीच फर्क किए जाने की जरूरत है। वह कुछ उद्योगपतियों और सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मामलों में चल रही जांच के प्रसंग में यह बात कही। सरकार के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मेलन में जेटली ने कहा, “भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की भाषा व्यापक स्तर पर अधिकारियों को फैसले लेने से रोक रही है।”

उन्होंने कहा, “कानून आयोग ने भी अपनी सिफारिश में कहा है कि इन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।”

वित्त मंत्री ने कहा, “मैं उद्योग जगत से आग्रह करता हूं कि फैसले लेने में होने वाली भूल को फैसले लेने में होने वाले भ्रष्टाचार से अलग करने के लिए आवश्यक बदलावों पर बहस में मदद के लिए कार्य समूह गठित करें।”

उन्होंने इस संबंध में फरवरी में पेश अपने आम बजट के एक प्रस्ताव का जिक्र किया, जिसमें कंपनियों द्वारा पहले अनुमति लिए जाने की व्यवस्था के स्थान पर एक ऐसी व्यवस्था का प्रस्ताव रखा है, जिसमें नियामक तभी हस्तक्षेप कर सकेंगे, जब किसी दिशानिर्देश का उल्लंघन हुआ हो।

जेटली ने कहा कि ऐसी व्यवस्था लागू करने में मदद करने के लिए एक समिति गठित की गई है।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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