अन्तर्राष्ट्रीय
ट्रंप प्रशासन ने अदालत में एटी एंड टी-टाइम वार्नर विलय को चुनौती दी
वाशिंगटन, 21 नवंबर (आईएएनएस)| अमेरिकी सरकार ने कोलंबिया जिले की संघीय अदालत में एटी एंड टी और टाइम वार्नर मीडिया ग्रुप के विलय को रोकने के लिए एक मुकदमा दायर किया है। सरकार ने दावा किया कि इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को कम करके यह अभियान अमेरिकी उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाएगा।
‘एफे’ की रिपोर्ट के अनुसार, असिस्टेंट अटार्नी जनरल मैकन डेलराहिम ने कहा, यह विलय अमेरिकी उपभोक्ताओं को काफी नुकसान पहुंचाएगा। इससे मासिक टेलीविजन बिल बढ़ जाएंगे और नए उभरते हुए नवाचार विकल्प, जिनका उपभोक्ता आनंद लेना शुरू कर रहे हैं, कम हो जाएंगे।
उन्होंने कहा, टाइम वार्नर के साथ एटी एंड टी/डायरेक्ट टीवी का संयोजन गैरकानूनी है और इसके दुष्प्रभावों को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय भी नदारद हैं। इस विलय के कारण पूरी तरह से नुकसान होगा। न्याय विभाग के लिए एकमात्र उचित उपाय संघीय न्यायाधीश से पूरे लेनदेन को अवरुद्ध करने का आदेश मांगना है।
करीब 108 अरब डॉलर की कीमत का दोनों कंपनियों के बीच का समझौता अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा विलय होगा।
इस समझौते के तहत ‘सीएनएन’ और ‘टीएनटी’ केबल टीवी स्टेशन, एचबीओ और वार्नर ब्रदर्स स्टूडियो जैसे मनोरंजन चैनल शामिल हैं, साथ ही इसमें नेशनल बास्केटबाल लीग और बेसबाल के प्रमुख लीग के पुन: प्रसारण के अधिकार भी शामिल होंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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