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ट्विटर क्रिप्टोकरेंसी विज्ञापनों को करेगी प्रतिबंधित

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सैन फ्रांसिस्को, 27 मार्च (आईएएनएस)| ट्विटर ने इस बात की पुष्टि की है कि वह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े विज्ञापनों को अपने प्लेटफार्म पर मंगलवार से प्रतिबंधित कर देगी, क्योंकि माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ने इस तरह के विज्ञापनों से जुड़ी अपनी अपनी नीति में बदलाव किया है। द वर्ज की रिपोर्ट में कंपनी के हवाले से कहा गया है, हम ट्विटर समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। इसलिए हमने क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित ट्विटर विज्ञापनों के लिए नई नीति लागू की है। नई नीति के तहत आरंभिक कॉयन निर्गम (आईसीओज) और टोकन बिक्री के विज्ञापन दुनिया भर में प्रतिबंधित किए जाते हैं।

ट्विटर ने कहा, एक माह के भीतर यह नीति सभी विज्ञापनदाताओं के बीच पूरी तरह से लागू हो जाएगी। और कहा कि सभी आईसीओज और टोकन बिक्री के विज्ञापन हटा दिए जाएंगे और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और वॉलेट केवल प्रमुख शेयर बाजारों में अधिसूचित सार्वजनिक कंपनियों तक ही सीमित होंगे।

इस महीने की शुरुआत में ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैक डोरसे ने कहा था कि कंपनी क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर ट्विटर पर चल रहे फर्जीवाड़े को रोकने के उपाय में जुटी है।

इससे पहले फेसबुक और गूगल ने भी अपने प्लेटफार्म पर क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापनों पर रोक लगा दी थी।

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फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में

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नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।

होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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