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मुख्य समाचार

त्रिपुरा सरकार ने शुरू की ‘मोबाइल पुलिसिंग’ सेवा

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अगरतला, 16 जून (आईएएनएस)| त्रिपुरा सरकार ने शनिवार को अपराध पर लगाम लगाने के लिए जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) और वायरलेस आधारित 24 दिन सात घंटे वाली ‘मोबाइल पुलिसिंग’ सेवा शुरू की है। इसमें विशेषरूप से महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर लगाम लगाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। ‘मोबाइल पुलिसिंग’ सेवा की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का मुख्य लक्ष्य त्रिपुरा को अपराध और नशा मुक्त राज्य बनाना है।

गृह मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे देब ने कहा, हम महिलाओं को सशक्त बनाना चाहते हैं। मेरी सरकार का संकल्प विशेषकर महिलाओं समेत सभी तरह के अपराधों के खिलाफ शून्य सहिष्णुता का है। हम भू माफियाओं की गतिविधियों को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहते हैं।

उन्होंने ‘मोबाइल पुलिसिंग’ सेवा को शुरू करते हुए कहा, लोगों को पुलिस के पास जाने की जरूरत नहीं होगी और स्थिति से निपटने के लिए पुलिस कुछ ही मिनटों के भीतर घटना स्थल पर पहुंचेगी।

उन्होंने कहा, सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से लोग इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी या प्रणाली का उपयोग कर पुलिस को सूचित कर सकते हैं और पुलिस भी सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर स्थिति से निपट सकती है। यह समय और शारीरिक भागीदारी को बचाएगी।

भाजपा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार ने शनिवार को कार्यकाल के 100 दिन पूरे किए हैं।

देब ने कहा, 100 दिनों में मेरी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि प्रशासन में पारदर्शिता लाना है। देब ने पुलिस और अन्य सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों से समय पर अपने कार्यों को पूरा करने को कहा।

पुलिस महानिदेशक ने इस मौके पर कहा, मोबाइल पुलिसिंग सेवा को संचालित करने के लिए एक पुलिस वैन या एक छोटे वाहन में पुलिसकर्मी अपने नियत क्षेत्र में गश्त करेंगे। मोबाइल गश्ती टीम निकटतम पुलिस थाने या चौकी के साथ लगातार संपर्क में रहेगी।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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