Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

दार्जिलिंग : फंसे यात्रियों के लिए 26 बसें लगाई गईं

Published

on

Loading

कोलकाता, 9 जून (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा दार्जिलिंग में प्रायोजित 12 घंटे के बंद के बीच पहाड़ी क्षेत्र में फंसे पर्यटकों को राज्य की राजधानी और राज्य के अन्य स्थानों तक ले जाने के लिए 26 बसों का इंतजाम किया है। सरकार के अनुसार, जीजेएम कार्यकर्ताओं द्वारा गुरुवार को अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने से 45,000 पर्यटक पहाड़ी क्षेत्र में फंस गए।

राज्य के पर्यटक मंत्री गौतम देब ने आईएएनएस से कहा, फंसे हुए पर्यटकों को गुरुवार रात से राज्य के कई जगहों और ज्यादातर कोलकाता के लिए 26 छोटी व बड़ी बसें फंसे पर्यटकों के परिवहन में जुटी हैं। इस समय हम बता नहीं सकते कि अभी भी कितने पर्यटक फंसे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।

इस पर पर्यटकों की मिलीजुली प्रतिक्रिया रही।

एक पर्यटक ने कहा, हम गुरुवार को हिंसा भड़क जाने से बेहद तनावग्रस्त हो गए। उस दिन तक हमने नहीं सोचा था कि चीजें इतनी बदतर हो सकती हैं। मैं बीते रात अपने परिवार के साथ बस पकड़ पाया और सिलीगुड़ी तड़के 3 बजे पहुंचा।

हालांकि, बहुत से पर्यटकों ने बसों की संख्या कम होने की शिकायत की।

एक अन्य पर्यटक ने कहा, ज्यादा संख्या में बसें चलाई जानी चाहिए।

दार्जिलिंग के पूर्वी हिमालयी क्षेत्र में होने के कारण प्राकृतिक सुंदरता और बौद्ध स्थलों से घिरा है व नेपाल, भूटान व पूर्वोत्तर के करीब है। यहां गर्मियों में जुलाई तक रोजाना 600 पर्यटक हर रोज आते हैं।

उत्तर बंगाल राज्य परिवहन कॉरपोरेशन के बेड़े की 30 बसें पहाड़ी क्षेत्र के कई जगहों से गुजरती है। इसमें तेनजिंग नार्गे बस टर्मिनल (सिलीगुड़ी) की बसों को गुरुवार रात से सेवा में लगाया गया है।

जीजेएम ने उत्तरी बंगाल के पहाड़ी इलाकों में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है। इसमें दार्जिलिंग व कालिम्पोंग जिले, मिरिक उपसंभाग शामिल है। जीजेएम ने पुलिस के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस के अंधाधुंध कार्रवाई पर यह विरोध प्रदर्शन किया है।

Continue Reading

नेशनल

सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए बनेगा कानून – केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव

Published

on

Loading

नई दिल्ली। लोकसभा में हगामे के बीच बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। अरुण गोविल के सवाल का जवाब में देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत अंतर है जहां पर ओटीटी पर अश्लील कंटेंट आते है।

केंद्रीय मंत्री ने आम सहमति बनाने का किया अनुरोध

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं चाहूंगा कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए। मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत है और मैं इस पर आम सहमति का अनुरोध करता हूं। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री भी चलाई जाती है।

नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है सरकार

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पहले कोई चीज पब्लिश करने के लिए संपादकीय टीम होती थी। इसकी वजह से कोई अश्लील कंटेंट पब्लिश नहीं होता था। जो अब नहीं है। अश्विनी वैष्णव ने यह बयान उनके डिप्टी एल मुरुगन द्वारा यह पुष्टि किए जाने के एक महीने बाद आया है कि सरकार ओटीटी सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है।

Continue Reading

Trending