Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप के 20 विधायकों को बहाल किया

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ी राहत देते हुए शुक्रवार को उसके 20 विधायकों को सदन का वैध सदस्य करार देते हुए उनकी सदस्यता बहाल कर दी।

इन विधायकों को कथित रूप से लाभ का पद धारण करने के आरोप में निर्वाचन आयोग ने अयोग्य करार देने की संस्तुति की थी जिस पर राष्ट्रपति ने मुहर लगाई थी। अदालत ने निर्वाचन आयोग की विधायकों को अयोग्य करार देने सिफारिश को दरकिनार करते हुए 20 जनवरी के राष्ट्रपति के आदेश को रद्द कर दिया और नए सिरे से सुनवाई के लिए मामले को निर्वाचन आयोग को भेज दिया।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति चंद्रशेखर की खंडपीठ ने कहा कि 19 जनवरी को निर्वाचन आयोग द्वारा भेजी गई राष्ट्रपति को सिफारिश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुपालन में नाकाम रही व कानून ने लिए सही नहीं है।

इसमें कहा गया कि यह प्राकृतिक न्याय का उल्लंघन था और आप के विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने से पहले उनकी कोई मौखिक सुनवाई नहीं की गई थी।

अदालत ने 28 फरवरी को विधायकों व निर्वाचन आयोग की बहस समाप्त होने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया था।

दिल्ली के मुख्यमंत्री व आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसे सत्य की जीत बताया है।

केजरीवाल ने ट्वीट किया, सत्य की जीत हुई है। जिन लोगों को दिल्ली ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर वोट दिया था, उन्हें गलत तरीके से अयोग्य करार दिया गया था।

इन विधायकों को लाभ का पद धारण करने के आरोप में अयोग्य करार दिया गया था। इन्हें मार्च 2015 में संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था।

दिल्ली सरकार ने 21 आप विधायकों को अपने कैबिनेट मंत्रियों को सहयोग देने और प्रशासनिक कार्य में अधिक विधायकों को शामिल करने के लिए संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्त किया था।

इन पदों पर एक मंत्री की तरह भत्ते देय है। कानून में चुने गए प्रतिनिधियों को अपने कार्यकाल के दौरान लाभ का पद धारण करने पर रोक है।

आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आप विधायकों ने कोई भत्ता नहीं लिया। जब उन्होंने लाभ का पद ही ग्रहण नहीं किया था तो फिर लाभ का सवाल ही कहां उठता है। लेकिन, इसे आप तभी समझ सकते हैं जब इनकी सुनी जाए। इन्हें तो सुने बगैर ही अयोग्य ठहरा दिया गया था।

वकील व मामले में याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल ने पहले तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से शिकायत की थी कि विधायकों का संसदीय सचिवों का पद संभालना संविधान का उल्लंघन है। मुखर्जी ने इस शिकायत को निर्वाचन आयोग को भेज दिया था।

उच्च न्यायालय के फैसले पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में पटेल ने कहा, अदालत ने कहा है कि इस मामले को फिर खोला जाएगा। मैंने सिर्फ एक संवैधानिक मुद्दा उठाया था। यह मेरे लिए झटका नहीं है।

निर्वाचन आयोग ने 19 जनवरी को 20 आप विधायकों को अयोग्य करार देने की सिफारिश की थी। 21वें विधायक जरनैल सिंह ने पंजाब चुनाव लड़ने के लिए विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कानून के प्रावधानों के अनुरूप 20 जनवरी को निर्वाचन आयोग की सिफारिश को स्वीकार कर लिया था।

Continue Reading

नेशनल

सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए बनेगा कानून – केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव

Published

on

Loading

नई दिल्ली। लोकसभा में हगामे के बीच बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने प्रश्नकाल के दौरान सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट का मुद्दा उठाया। अरुण गोविल के सवाल का जवाब में देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों पर अश्लील कंटेंट को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए मौजूदा कानूनों को मजबूत करने की आवश्यकता है। हमारे देश की संस्कृति और उन देशों की संस्कृति के बीच बहुत अंतर है जहां पर ओटीटी पर अश्लील कंटेंट आते है।

केंद्रीय मंत्री ने आम सहमति बनाने का किया अनुरोध

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मैं चाहूंगा कि स्थायी समिति इस मुद्दे को उठाए। मौजूदा कानून को मजबूत करने की जरूरत है और मैं इस पर आम सहमति का अनुरोध करता हूं। मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री भी चलाई जाती है।

नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है सरकार

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि पहले कोई चीज पब्लिश करने के लिए संपादकीय टीम होती थी। इसकी वजह से कोई अश्लील कंटेंट पब्लिश नहीं होता था। जो अब नहीं है। अश्विनी वैष्णव ने यह बयान उनके डिप्टी एल मुरुगन द्वारा यह पुष्टि किए जाने के एक महीने बाद आया है कि सरकार ओटीटी सामग्री को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का मसौदा तैयार कर रही है।

Continue Reading

Trending