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दिल्ली में राष्ट्रपति शासन का विरोध करेंगे : कांग्रेस

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नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)| कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अजय माकन ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी नहीं चाहती कि राष्ट्रीय राजधानी की निर्वाचित सरकार हटाई जाए और वह राष्ट्रपति शासन के किसी भी कदम का विरोध करेगी।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री उपराज्यपाल कार्यालय में धरना दे रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मुख्यमंत्री कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। ये अपनी विफलताओं पर ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने केजरीवाल के प्रदर्शन को ‘धरना तमाशा’ बताया।

अजय माकन ने एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा, कांग्रेस दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने के किसी कदम का विरोध करेगी और वह नहीं चाहती की दिल्ली की चुनी हुई सरकार को हटाया जाए।

कांग्रेस नेता ने आम आदमी पार्टी (आप) व भाजपा से अपना प्रदर्शन वापस लेने और शहर व लोगों के लिए विकास कार्य शुरू करने का आग्रह किया।

आप के प्रदर्शन को नाटक बताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, इस नाटक की पटकथा 20 फरवरी को लिखी गई, जब मध्य रात्रि में बैठक के लिए बुलाए जाने पर मुख्य सचिव पर हमला हुआ था।

उन्होंने आरोप लगाया, वे इस नाटक के असर को जानते हैं। और अब उनका प्रदर्शन अंतिम चरण में है।

उन्होंने कहा, कांग्रेस ने इसी व्यवस्था के तहत शीला दीक्षित के नेतृत्व में लोगों के विकास कार्य करके तीन चुनाव जीते।

अजय माकन ने कहा, हम इसी संवैधानिक ढांचे के तहत 15 सालों तक सरकार में थे, लेकिन हमने आप सरकार की तरह बहाने नहीं बनाए। हम भाजपा सरकार के केंद्र की सत्ता में रहने के दौरान 1998-2003 तक सत्ता में थे। हमने आप सरकार जैसे बहाने नहीं बनाए।

माकन की यह टिप्पणी उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय पर केजरीवाल व उनके कैबिनेट सहयोगियों के धरना-प्रदर्शन के पांचवें दिन शुक्रवार को आई है।

भाजपा नेता भी केजरीवाल व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, श्रम मंत्री गोपाल राय के धरना-प्रदर्शन के खिलाफ दिल्ली सचिवालय में धरने पर बैठे हैं। भाजपा नेता बुधवार से प्रदर्शन कर रहे हैं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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