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दुनिया को अधिक गुणों वाले शिक्षकों की जरूरत : ब्रैड कोहेन

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नई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)| जोश, दृढ़ता और छात्रों के साथ संबंध स्थापित करने की सूझबूझ कुछ ऐसे गुण हैं जिनसे लबरेज शिक्षकों की दुनिया को बहुत जरूरत है। यह कहना है अमेरिका के लोकप्रिय प्रेरक वक्ता, शिक्षक और लेखक ब्रैड कोहेन का, जिनकी किताब ‘फ्रंट आफ द क्लास’ से पता चलता है कि कैसे टॉरेट सिंड्रोम ने उन्हें वैसा शिक्षक बनाया जो वह नहीं थे।

रानी मुखर्जी की फिल्म ‘हिचकी’ इनके जीवन से ही प्रेरित है। साल 2008 में आई अमेरिकी फिल्म ‘फ्रंट ऑफ द क्लास’ के बाद ब्रैड के जीवन से प्रेरित ‘हिचकी’ दूसरी फिल्म है।

ब्रैड कहते हैं, यह एक अद्भुत अनुभव है। मुझे लगता था कि मैं बहुत ही भाग्यशाली हूं कि मेरे जीवन पर एक फिल्म बनाई गई है। लेकिन, अब मेरे जीवन की कहानी पर दो फिल्में बनाई गई हैं। मैं वास्तव में सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह जानना बहुत खुशी की बात है कि इतने सारे लोग मेरी कहानी से प्रेरित हैं।

ब्रैड ने जॉर्जिया के अटलांटा से आईएएनएस को एक ईमेल साक्षात्कार में बताया, मुझे पता है कि ‘हिचकी’ भारत और पूरी दुनिया के लोगों के जीवन में अंतर लाएगी।

ब्रैड का कहना है कि यह फिल्म विशेष तौर पर शिक्षकों के लिए है।

उन्होंने कहा, यह फिल्म एक रिमाइंडर की तरह है जो हर शिक्षक को अपने विद्यार्थियों के जीवन में अंतर पैदा करने की याद दिलाती है। शिक्षण दुनिया का सबसे अच्छा पेशा है। हमें और अधिक गुणवत्ता वाले शिक्षकों की आवश्यकता है। मुझे आशा है कि मेरी कहानी दूसरों को बढ़ने और एक शिक्षक बनने की प्रेरणा देगी।

अपने जीवन की यादों को साझा करते हुए ब्रैड बताते हैं कि वह अक्सर टॉरेट सिंड्रोम के कारण चेहरे के हाव-भाव बदलने या शोर करने पर शिक्षकों की फटकार सुनते थे। यह शोर, चेहरे का हावभाव टॉरेट सिंड्रोम के कारण था जो कि एक न्यूरोसाइकियाट्रिक डिसआर्डर है।

इसी वजह से उन्होंने एक शिक्षक बनने का फैसला किया, जो उन्हें नहीं मिला था..ऐसा शिक्षक जो हर बच्चे को स्वीकार करता हो।

यह पूछने पर कि शिक्षक में आवश्यक तीन सबसे महत्वपूर्ण गुण क्या हैं, उन्होंने बताया, पहला गुण जोश व जज्बा है। एक शिक्षक को कक्षा में इसे लाना चाहिए। उन्हें जीवन से सीखना आना चाहिए और विद्यार्थियों को सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बनाने में संलग्न करना चाहिए।

उन्होंने कहा, दूसरा गुण है दृढ़ता। शिक्षकों को अपने विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के दौरान कभी किसी चीज पर हार नहीं माननी देनी चाहिए और उन्हें स्वयं भी हार नहीं माननी चाहिए। शिक्षण सबसे कठिन कामों में से एक है लेकिन यह सबसे पुरस्कृत कार्य भी है। शिक्षकों को ऐसा रोल मॉडल बनने की जरूरत है जो अपने बच्चों को अपने सपनों के हासिल करने के लिए कभी हार नहीं मानने देता हो।

ब्रैड के अनुसार, तीसरा गुण है विद्यार्थियों के साथ सहज रिश्ता बनाना। शिक्षकों को अपने छात्रों को जानने और उन पर विश्वास करने की जरूरत है क्योंकि अगर कोई बच्चा अपने शिक्षक पर भरोसा नहीं करता तो शिक्षक बच्चे को नहीं पढ़ा सकता। लेकिन एक बार शिक्षक अपने छात्र को जान लेता है और तो उसे यह पता चल जाता है कि क्या छात्र को प्रेरित करता है, तो शिक्षक उसे सहयोग दे सकता है और सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

इसके अलावा उनका मानना है कि लोगों को अपने मुद्दों व समस्याओं पर अधिक खुला और ईमानदार होना चाहिए।

उन्होंने कहा, अगर हम समस्याओं को छिपाते हैं तो हम कठिन प्रश्नों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। हमें लोगों की कमियों को गले लगाना चाहिए और उनको बेहतर बनने में सहायता करना चाहिए। शर्मिदा होने की कोई बात नहीं है।

ब्रैड कहते हैं, सच्चाई यह है कि हर किसी को कोई न कोई परेशानी या कमी है। कुछ समस्याएं टॉरेट सिंड्रोम की तरह गंभीर होती हैं और कुछ गंभीर नहीं होती हैं जिन पर आम लोगों का ध्यान नहीं जाता है। यही ‘हिचकी’ का विषय है। अगर हम लोगों की परेशानी पर नजर डालेंगे जैसे हमने हिचकिचाने की बीमारी पर डाली है तो यह दुनिया एक बेहतर स्थान होगी।

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टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

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 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

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