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नेशनल

देश का सबसे बड़ा बर्ड फेस्टिवल आगरा में 4 दिसंबर से

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आगरा के चम्बल सफारी लाज में आगामी 4 से 6 दिसम्बर तक देश के सबसे बड़े बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इस फेस्टिवल में 25 अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तथा 50 राष्ट्रीय स्तर के पक्षी विशेषज्ञ भाग लेंगे, जो प्रदेश में पाए जाने वाले पक्षियों पर मंथन करेंगे। मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव करेंगे। इस अवसर पर वन्य जीवों पर आधारित एक काफी टेबुल बुक भी जारी की जाएगी।

प्रमुख सचिव (वन) संजीव सरन ने बताया कि देश में पहली बार इतने भव्य स्तर पर बर्ड फेस्टिवल का आयोजन हो रहा है। इस फेस्टिवल से प्रदेश में पाये जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों के संबंध मंे जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही उनके संरक्षण पर भी विचार विमर्श होगा। प्रमुख सचिव ने बताया कि फेस्टिवल में देश एवं विदेश के पक्षी विशेषज्ञ पक्षियों पर मंथन करके रिपोर्ट तैयार करेंगे।

इस अवसर पर एक कार्यशाला भी आयोजित होगी, जिसमें ख्याति प्राप्त फोटोग्राफर्स भी हिस्सा लेंगे। इनके द्वारा खींचे गए फोटोग्राफ्स को कार्यशाला में प्रदर्शित किया जाएगा। इस दौरान स्थानीय स्कूली बच्चों को वन्य जीवों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करने का मौका मिलेगा। वे आर्ट शो के माध्यम से वन्य जीवों के प्रति अपने भाव प्रदर्शित करेंगे।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव विहार वास्तव में पक्षियों का स्वर्ग है। यहां स्थानीय, स्थानीय प्रवासी व प्रवासी पक्षियों की 300 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है। शीतऋतु में राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव विहार में आने वाले प्रमुख प्रवासी पक्षिय में ग्रेटर व्हाईट फ्रण्टेड गूज, ग्रे लेग गूज, बार हेडेड गूज, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, नार्दर्न पिनटेल, डेमोसिल क्रेन, कॉमन क्रेन, कूट, ब्राउन हेडेड गल, ब्लैक हेडेड गल आदि शमिल हैं।

राष्ट्रीय चम्बल वन्यजीव विहार में इंडियन स्कीमर सारस, ब्लैक फ्रेंकोलिन, ग्रे फ्रेंकोलिन, काम्ब डक, स्पॉट बिल्ड डक, बटन क्वैल, इण्डियन ग्रे हार्नबिल, ब्राऊन हेडेड बार्बेट, इण्डियन रोलर, व्हाईट फ्रोटेड किंग फिशर जैसे स्थानीय पक्षी एवं विभिन्न स्थानीय प्रवासी पक्षियों यथा लेसर व्हिसलिंग टील, ग्रीन बी ईटर, ब्लू टेल्ड बी ईटर, ब्राऊन हॉक आउल, सहित 300 से अधिक पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल में कैसे भड़की हिंसा, किस आधार पर हो रहा दावा, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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संभल। संभल में एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन मंदिर होने और भविष्य में कल्कि अवतार के यहां होने के दावे ने हाल ही में काफी सुर्खियां बटोरी हैं. इस दावे के पीछे कई धार्मिक और ऐतिहासिक तथ्य बताए जा रहे है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और उनके मंदिर को लेकर कई दावे पहले से ही किए जा रहे हैं. इसे लेकर धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों के आधार पर गहरी चर्चा हो भी रही है. हिंदू धर्म में कल्कि अवतार को भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार माना गया है. ऐसा माना जाता है कि कलियुग के अंत में जब अधर्म और अन्याय अपने चरम पर होगा तब भगवान कल्कि अवतार लेकर पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करेंगे.

कैसे भड़की हिंसा?

24 नवंबर को मस्जिद में हो रहे सर्वे का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मौके पर थी. सर्वे पूरा होने के बाद जब सर्वे टीम बाहर निकली तो तनाव बढ़ गया. भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हिंसा भड़क उठी.

दावा क्या है?

हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में स्थित एक मस्जिद के स्थान पर प्राचीन काल में एक मंदिर था. इस मंदिर को बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. उनका यह भी दावा है कि भविष्य में कल्कि अवतार इसी स्थान पर होंगे.

किस आधार पर हो रहा है दावा?

दावेदारों का कहना है कि उनके पास प्राचीन नक्शे हैं जिनमें इस स्थान पर मंदिर होने का उल्लेख है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल से ही पूजा-अर्चना होती थी. कुछ धार्मिक ग्रंथों में इस स्थान के बारे में उल्लेख मिलता है. हिंदू धर्म के अनुसार कल्कि अवतार भविष्य में आएंगे और धर्म की स्थापना करेंगे. दावेदारों का मानना है कि यह स्थान कल्कि अवतार के लिए चुना गया है.

किस आधार पर हो रहा है विरोध?

अभी तक इस दावे के समर्थन में कोई ठोस पुरातात्विक साक्ष्य नहीं मिला है. जो भी ऐतिहासिक रिकॉर्ड्स उपल्बध हैं वो इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस स्थान पर एक मस्जिद थी. धार्मिक ग्रंथों की व्याख्या कई तरह से की जा सकती है और इनका उपयोग किसी भी दावे को सिद्ध करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.

संभल का धार्मिक महत्व

शास्त्रों और पुराणों में यह उल्लेख है कि भगवान विष्णु का कल्कि अवतार उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. इस आधार पर संभल को कल्कि अवतार का स्थान माना गया है. श्रीमद्भागवत पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कल्कि अवतार का वर्णन विस्तार से मिलता है जिसमें कहा गया है कि कल्कि अवतार संभल ग्राम में विष्णुयश नामक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे.

इसी मान्यता के कारण संभल को कल्कि अवतार से जोड़ा जाता है. संभल में बने कल्कि मंदिर को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि यही वह स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि का प्रकट होना होगा. मंदिर के पुजारी और भक्तों का कहना है कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है और यहां कल्कि भगवान की उपासना करने से व्यक्ति अधर्म से मुक्ति पा सकता है.

धार्मिक विश्लेषण

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, कल्कि अवतार का समय तब होगा जब अधर्म, पाप और अन्याय चरम पर पहुंच जाएंगे. वर्तमान में दुनिया में मौजूद सामाजिक और नैतिक स्थितियों को देखकर कुछ लोग यह मानते हैं कि कल्कि अवतार का समय निकट है. संभल में कल्कि मंदिर को लेकर जो भी दावे किए जा रहे हैं वो सभी पूरी तरह से आस्था पर आधारित हैं. धार्मिक ग्रंथों में वर्णित समय और वर्तमान समय के बीच अभी काफी अंतर हो सकता है. उत्तर प्रदेश के संभल में कल्कि अवतार और मंदिर का दावा धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है. हालांकि, यह दावा प्रमाणिकता के बजाय विश्वास पर आधारित है. यह भक्तों की आस्था है जो इस स्थान को विशेष बनाती है.

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