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मुख्य समाचार

देश में पहली बार पैकेजिंग उद्योग पर प्रोपैक एक्सपो शुरू

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ग्रेटर नोएडा, 30 अगस्त (आईएएनएस)| देश में पहली बार पैकेजिंग उद्योग पर प्रोपैक एक्सपो गुरुवार को शुरू हुआ। एक्स्पो में प्रोसेसिंग और पैकेजिंग उद्योग की आधुनिक तकनीकें देखने की झलक मिली।

इस एक्सपो के साथ ही खाद्य अवयव (फूड इनग्रेडिएंट्स) और स्वास्थ्य अवयव (हेल्थ इनग्रेडिएंट्स) पर आधारित खाद्य मेले का भी आयोजन किया गया है।

भारत के तेजी से विकसित होते प्रोसेसिंग और पैकेजिंग उद्योग पर आधारित यह शो प्रो पैक एशिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है। प्रो पैक ग्लोबल के 26 सालों के ट्रैक रिकॉर्ड के बाद यह भारत आया है।

प्रदर्शनियों की आयोजनकर्ता यूबीएम इंडिया ने प्रो पैक इंडिया एक्सपो के पहले संस्करण का आयोजन किया है। प्रो पैक थाईलैंड, चीन, म्यांमार, फिलीपीन्स और वियतनाम में अपने शो आयोजित करता रहा है और अब भारतीय आवश्यकताओं के अनुरूप देश में इसका पहला संस्करण लॉन्च किया गया है।

यूबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने कहा कि भारत में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग तेजी से उभरा है और इसकी अत्यधिक संभावना के कारण खाद्य क्षेत्र उच्च वृद्धि और उच्च लाभ वाले क्षेत्र के रूप में गिना जा रहा है। वर्ष 2018 की समाप्ति तक इसका कुल कारोबार 65.4 अरब डॉलर हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि शोध से यह भी पता चला है कि बेहतर प्रसंस्करण और पैकेजिंग तकनीकों को विकसित करना भी आवश्यक है, जो न केवल बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देगा बल्कि संसाधित भोजन के पौष्टिक मूल्य में भी सुधार करेगा।

प्रो पैक इंडिया खाद्य अवयवों, प्रसंस्करण, तकनीक, पैकेजिंग से जुड़े आधुनिक उत्पादों और सेवाओं को पेश कर रहा है। शो में 80 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं जो ऑटोमेशन, टेस्टिंग, मापन, फिलिंग एवं सीलिंग मशीनरी, कार्टूनिंग मशीनरी, रोबोटिक्स, संग्रहण एवं स्थानांतरण, सामग्री एवं उपभोग्य सामग्री के क्षेत्र में आधुनिक उत्पादों और सेवाओं की व्यापक रेंज प्रस्तुत कर रही हैं।

इस सेक्टर की अन्य प्रदर्शनियों के अलावा प्रो पैक इंडिया विभिन्न क्षेत्रों जैसे भोजन, पेय, फार्मा, कॉस्मेटिक्स, पर्सनल केयर एवं हाइजीन में पैकेजिंग एवं प्रोसेसिंग के समाधान भी पेश कर रहा है।

प्रदर्शनी के अलावा इस मौके पर एक्टिव एंड इंटेलीजेंट पैकेजिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन द्वारा विषय ‘स्वस्थ खपत को बढ़ावा देने, जालसाजी से लड़ने और उपभोक्ताओं को व्यस्त रखने के नए तरीके’ विषय पर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। वल्र्ड पैकेजिंग ओगेर्नाइजेशन भी इन्टरैक्टिव सत्रों का आयोजन करेगा। उद्योग जगत के विशेषज्ञ महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे जैसे ‘भारतीय खाद्य प्रसंस्करण के कारोबार में आर्थिक बाधाएं’ तथा ‘खाद्य प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग सेक्टर में स्टार्ट-अप स्थापित करना।’ ये चर्चा सत्र उद्योग जगत से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डालेंगे।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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