मुख्य समाचार
देश में 1-2 फीसदी को मिलती है दर्द से राहत वाली देखभाल
नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)| भारत में केवल एक से दो प्रतिशत लोगों को ही दर्द से राहत वाली देखभाल सुविधा मिल पाती है। एक नए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है।
हालांकि, पैलिएटिव केयर के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम मौजूद है, लेकिन चिकित्सा छात्रों के पाठ्यक्रम में दर्द प्रबंधन का पाठ शामिल नहीं किया जाता। देश के दक्षिणी राज्य केरल व कर्नाटक में दर्द निवारक देखभाल नीति लागू है। हालांकि महाराष्ट्र ने 2015 में इस तरह की नीति तैयार की थी, जिसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
दर्द निवारक देखभाल का उद्देश्य, गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं झेल रहे मरीजों और उनके परिवार के सदस्यों की जिंदगी की गुणवत्ता में सुधार करना होता है। इसका उद्देश्य मनोवैज्ञानिक, सामाजिक या आध्यात्मिक मुद्दों जैसे कि डिप्रेशन और सामाजिक अलगाव को कम करना है। दर्द सबसे आम लक्षण है। यह शरीर और दिमाग को प्रभावित करता है। जब तक हम दर्द का इलाज नहीं करते, हम भावनात्मक तनाव या पीड़ा को पूरी तरह से दूर नहीं कर सकते हैं।
हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, शांतिपूर्ण मौत हासिल करना कोई असामान्य इच्छा नहीं है, खासकर महत्वपूर्ण या टर्मिनल बीमारी वाले लोगों में। कई संस्कृतियांे और धार्मिक मान्यताओं में शांतिपूर्ण मौत के व्यावहारिक तरीकों की पेशकश रहती है। किसी आईसीयू या गहन चिकित्सा कक्ष में मरना अप्राकृतिक है और कई बार रोगी व उनके प्रियजनों के लिए दर्दनाक भी होता है।
उन्होंने कहा, देखभाल करने वाले और नर्स इन तीन प्रक्रिया (मृत्यु की जागरूकता, देखभाल करने वाले माहौल का निर्माण, और जीवन के अंतिम समय की देखभाल को बढ़ावा देना)के माध्यम से शांतिपूर्ण मौत को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
2014 में, वल्र्ड हेल्थ असेंबली ने सभी देशों से रोग-केंद्रित उपचार के साथ निदान के समय से संबंधित रोगों के सभी स्तरों (प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक) पर स्वास्थ्य प्रणालियों में दर्द निवारक देखभाल को शामिल करने पर जोर दिया था।
डॉ. अग्रवाल ने कहा, विशेषज्ञता के इस युग में फैमिली फिजीशियन या जनरल प्रेक्टिशनर की कांसेप्ट तेजी से गायब हो रही है। हर दिन नई विशेषताएं आ रही हैं। पहले जो चीजें एक पारिवारिक चिकित्सक के दायरे में आती थीं, वे अलग अलग स्पेशलाइजेशन के बीच बंटती जा रही हैं। इसने रोगी और डॉक्टर के बीच बातचीत खत्म सी कर दी है।
उन्होंने कहा, फैमिली फिजीशियन को पूरे परिवार की मेडिकल हिस्ट्री पता होती थी और वे अक्सर स्वास्थ्य की स्थिति से निपटने के बारे में मरीज की चिंताओं से परिचित होते थे। हमें इस संस्कृति को वापस लाने की जरूरत है।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
-
लाइफ स्टाइल3 days ago
साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
-
नेशनल3 days ago
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के नतीजे जारी, अध्यक्ष पद पर NSUI के रौनक खत्री ने दर्ज की जीत
-
नेशनल2 days ago
महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, क्या फडणवीस के सिर सजेगा ताज ?
-
नेशनल3 days ago
केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के
-
नेशनल2 days ago
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
-
वीडियो3 days ago
VIDEO: गले से नोटों की माला चुराकर भाग रहे चोर को दूल्हे ने डाले पर चढ़कर पकड़ा, फिर कर दी कुटाई
-
खेल-कूद2 days ago
IPL Auction: 13 साल के वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास, बन गए सबसे युवा करोड़पति