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मुख्य समाचार

देश में 3 में से 1 महिला पेल्विक दर्द से पीड़ित

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नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| देश में अधिकतर महिलाएं पेट के निचले हिस्से के दर्द से परेशान रहती हैं। पीरियड्स के दौरान या लंबे समय तक बैठे रहने से यह समस्या बढ़ जाती है।

अगर पेट दर्द की समस्या छह महीने से अधिक समय तक बनी रहती है तो यह पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (पीसीएस) का कारण हो सकता है। देश में हर तीन में से एक महिला अपने जीवन के किसी न किसी स्तर पर पेल्विक पेन से पीड़ित होती है।

वसंत कुंज स्थित फोर्टिस हास्पिटल के हेड इंटरवेशनल रेडियोलोजिस्ट डॉ. प्रदीप मुले के अनुसार, पेट के निचले भाग में दर्द होने के कई कारण हो सकते हैं, उसमें से सबसे सामान्य कारणों में से एक है पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (पीसीएस)। यह युवा महिलाओं में अधिक देखा जाता है। पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम को पेल्विक वेन इनकम्पेटेंस या पेल्विक वेनस इनसफिशिएंशी भी कहते हैं।

उन्होंने कहा, यह महिलाओं में होने वाली एक चिकित्सीय स्थिति है। इस स्थिति में तेज दर्द होता है जो खड़े होने पर और बढ़ जाता है, लेटने पर थोड़ा आराम मिलता है। पीसीएस जांघों, नितंब या योनि क्षेत्र की वैरिकोस वेन्स से संबंधित होता है। इसमें शिराएं सामान्य से अधिक खिंच जाती हैं।

डॉ. प्रदीप मुले ने कहा, जो महिलाएं मां बन चुकी हैं और युवा हैं उनमें यह समस्या अधिक होती है क्योंकि इस आयुवर्ग की महिलाएं अपने लक्षणों को नजरअंदाज करती हैं इसलिए उनमें यह समस्या अधिक बढ़ जाती है। पीसीएस का कारण स्पष्ट नहीं है। हालांकि शरीर रचना या हार्मोन्स के स्तर में किसी प्रकार की गड़बड़ी इसका कारण हो सकती है। इससे प्रभावित होने वाली अधिकतर महिलाएं 20-45 वर्ष आयुवर्ग की होती हैं और जो कई बार गर्भवती हो चुकी होती हैं।

उन्होंने कहा, गर्भावस्था के दौरान हार्मोन संबंधी बदलावों, वजन बढ़ने और पेल्विक क्षेत्र की एनाटॉमी में परिवर्तन आने से अंडाशय की शिराओं में दबाव बढ़ जाता है जिससे शिराओं की दीवार कमजोर हो जाती है जिससे वह सामान्य से अधिक फैल जाती हैं।

उन्होंने कहा कि एस्ट्रोजन हार्मोन शिराओं की दीवार को कमजोर कर देता है। सामान्य शिराओं में रक्त पेल्विस से ऊपर हृदय की ओर बहता है और शिराओं में मौजूद वॉल्व के कारण इसका वापस शिराओं में फ्लो नहीं होता है। जब अंडाशय की शिराएं फैल जाती हैं, वॉल्व पूरी तरह से बंद नहीं होता है जिससे रक्त वापस बहकर शिराओं में आ जाता है, जिसे रिफ्लक्स के नाम से भी जाना जाता है जिसके परिणामस्वरूप पेल्विस क्षेत्र में रक्त की मात्रा बहुत बढ़ जाती है।

डा. प्रदीप मुले का कहना है कि इसका सबसे प्रमुख लक्षण पेट के निचले भाग में दर्द होना है। यह अधिक देर तक बैठने या खड़े रहने के कारण गंभीर हो जाता है। इसके कारण कई महिलाओं में पैर में भारीपन भी लगता है।

उन्होंने कहा, इसके अलावा पीसीएस में निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे पेल्विक क्षेत्र में लगातार दर्द होना। पेट के निचले भाग में मरोड़ अनुभव होना। पेल्विक क्षेत्र में दबाव या भारीपन अनुभव होना। शारीरिक संबंध बनाते समय दर्द होना। यूरीन या मल त्यागते समय दर्द होना। लंबे समय तक बैठने या खड़े होने में दर्द होना। सेक्स के दौरान भी दर्द हो सकता है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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