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‘धरोहरों को संवारने से मिलेगा देश के पर्यटन को बढ़ावा’
नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)| हिंदुस्तान का पर्यटन धरोहरों से चलता है और यह क्षेत्र सालाना 15 फीसदी की सालाना दर से विकास कर रहा है। इसलिए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए धरोहरों को संवारने की जरूरत है। यहा कहना कि पुरानी हवेलियों और आलीशान महलों को पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाने के रूप में विकसित कर रहे ‘वेलकम हेरिटज’ के सीईओ सुनील गुप्ता का।
सुनील गुप्ता ने कहा कि देश के पर्यटन में धरोहरों का अहम योगदान है और आनेवाले दिनों में यह सेक्टर देश के पर्यटन का ड्राइवर साबित होगा।
गुप्ता ने कहा कि बदले दौर में लोगों की सुख-सुविधा और जरूरत और पसंद में काफी बदलाव आया है, लेकिन प्राचीन धरोहरों के प्रति उनके लगाव में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि लोग सैर-सपाटे से लेकर उत्सव समारोहों में भी परंपरागत शानो-शौकत के साथ-साथ आधुनिकता के मेल को पसंद करते हैं। लिहाजा, लोगों की जरूरतों को देखते हुए प्राचीन धरोहरों का संजोने के लिए उनका आधुनिक तरीके से मेकओवर करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
गुप्ता ने कहा कि देसी और विदेशी दोनों पर्यटकों को दो चीजें लुभाती हैं। पहली चीज है पारौणिक यादें और दूसरी प्राकृतिक वातावरण। राजमहलों में जहां राजा-रजवाड़ों की यादें जुड़ी होती हैं वहीं प्राकृतिक पर्यावास में प्रकृति की रमणीयता का आनंद आता है। खास बात यह है कि भारत में इन दोनों चीजों की प्रचुरता पाई जाती है।
सुनील गुप्ता ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि मजे की बात यह है कि वेलकम हेरिटेज विगत दो दशक से ज्यादा समय से इन दोनों क्षेत्रों को फोकस कर रहा है। उन्होंने कहा, हम एक तरफ महलों और हवेलियों को पर्यटकों का पसंदीदा पर्यटन स्थल के रूप में संवारने पर जोर दे रहें तो दूसरी ओर चाय बगानों क्षेत्र (टी गार्डन सर्किट) और रमणीय पहाड़ी क्षेत्र के सैरगाहों में स्थित रिसॉर्ट को अपने नेटवर्क में जोड़ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जोधपुर के महाराजा गज सिंह और आईटीसी का संयुक्त उपक्रम वेलकम हेरिटेज पिछले करीब दो दशक से देश के आतिथ्य व पर्यटन के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्राचीन धरोहरों को संवारने और विकसित करने के कार्य में जुटा है। उन्होंने कहा, वेलकम हेरिटेज की स्थापना 1997 में हुई थी तब से कंपनी ने भारत मे हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश के 14 प्रदेशों में स्थित राजमहलों, प्राचीन हवेलियो से लेकर आकर्षक किलों और प्राकृतिक रिसॉर्ट को अपने नेटवर्क में जोड़ा है।
वेलकम हेरिटेज के महाप्रबंधन संजीव नायर ने बताया कि वर्तमान में वेलकम हेरिटेज के नेटवर्क में देश के 38 शहरों में कुल 41 होटल हैं और कंपनी देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र और दक्षिण राज्यों में पड़े प्राचीन धरोहरों को विकसित कर अपने नेटवर्क में जोड़ने की दिशा में प्रयासरत है।
नायर ने बताया कि वेलकम हेरिटेज किसी प्राचीन हवेली, महल या रिसॉर्ट का अधिग्रहण नहीं करती है बल्कि उसे विकसित करने में अपने टूल्स और टेकनीक के साथ-साथ विशेषज्ञता का अनुभव प्रदान करता है।
सुनील गुप्ता ने कहा कि राजस्थान में जिस प्रकार से पर्यटन बढ़ा है उस तरह से देश के अन्य प्रांतों में पर्यटन नहीं को बढ़ावा नहीं मिल पाया है, जबकि प्राचीन धरोहर अन्य प्रांतों में कम नहीं है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में प्राचीन धरोहरों को आधुनिक बिजनेस मॉडल के तौर पर विकसित किया गया है जबकि अन्य जगहों पर ऐसा नहीं हो पाया है। हालांकि उन्होंने गोवा और केरल में पर्यटकों की अलग पसंद होती है। इन दोनों राज्यों में समुद्र देखने लोग जाते हैं।
गुप्ता ने कहा कि अन्य राज्यों में भी प्राचीन धरोहरों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, विदेशों से जो पर्यटक हमारे यहां आते हैं वे भारत की प्राचीन धरोहरों का दीदार करना चाहते हैं, लेकिन रखरखाव के अभाव में ये धरोहर उन्हें महज खंडहर ही दिखते हैं अगर इन्हें नया लुक दिया जाए तो उनकी दिलचस्पी बढ़ जाती है। राजा-रजवाड़ों की हवेलियों और महलों में ठहरने से उन्हें राजसी शानोशौकत का अहसास होता है।
टेक्नोक्रैट और ऑटोमेशन के प्रबल समर्थक सुनील गुप्ता 1995 से आईटीसी होटल से जुड़े हैं। गुप्ता ने बताया वह अपने36 साल के पेशेवर सफर में देश के समृद्ध सांस्कृतिक धरोहरों को आधुनिक सुख-सेवाओं और नवाचारों से लैस कर पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाना बनाने का काम किया है।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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