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मुख्य समाचार

नवाचारी कार्यो के लिए इंजीनिरिंग के 10 मेधावी छात्र पुरस्कृत

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नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)| भारत के प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थानों में इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत 10 छात्रों को उनके नवाचारी कार्यो के लिए ‘स्पिरिट ऑफ इन्वेंशन स्कॉलरशिप अवॉर्ड 2018 से नवाजा गया। प्रत्येक अवार्ड विजेता छात्र को फाउंडेशन की ओर से 1,300 डॉलर की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। अमेरिकी कंपनी एवरी डेनिसन कॉरपोरेशन की परोपकारी शाखा एवरी डेनिसन फाउंडेशन ने शुक्रवार को छात्रों को यह छात्रवृत्ति प्रदान की।

एवरी फाउंडेशन की डायरेक्टर (कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व) जेनेट सैनडोवल ने कहा कि यह छात्रवृत्ति यूनिवर्सिटी के छात्रों को बदलाव के दूत बनने में सक्षम बनाती है। उन्होंने कहा, इससे छात्रों में नवाचार और उद्यमिता के प्रति रुझान पैदा होगा और वे रचनात्मक सोच से आपसी मेलजोल से नवाचारी कार्यो में रुचि लेंगे।

उन्होंने कहा, हम भारत में ऐसे छात्रों को यह छात्रवृत्ति प्रदान कर गर्व महसूस कर रहे हैं जिनमें काफी प्रतिभा है और वे अपने नवाचारी संकल्पनाओं से देश और दुनिया में कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।

छात्रवृत्ति पुरस्कार प्राप्त करन वाले छात्रों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी), वाराणसी के सद्दालगरी राघवेंद्र, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बंबई के आदित्य खन्ना, एम.एस. रमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी, बेंगलुरु के अश्विज और हेमा चौधरी जलादी, के कृति वेंकट प्रणय और रूपा राघवन, एमकेएसएसएस कमिंस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग फॉर वमून के चैतन्यसुमा जैन, छविका कुलकर्णी एवं मृणाल तांबे और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी, तिरुचिरापल्ली के शिवांग सिंह शामिल हैं।

जेनेट ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, दुनियाभर में नवोन्मेषी और मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं। भारत में पिछले सात साल में 70 छात्रों ने हमारी इस पहल का लाभ उठाया है।

उन्होंने कहा कि इस छात्रवृति के लिए आवेदन करने के बाद छात्रों को कई स्तरों पर अपनी मेधा और नवाचारी विचारों को प्रदर्शित करने का मौका दिया जाता है। उनकी प्रस्तुति और प्रदर्शन के आधार पर चयन समिति विजेताओं का चयन करती है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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