बिजनेस
निर्यात घट सकता है : एसोचैम
नई दिल्ली | एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने रविवार को कहा कि देश का निर्यात मौजूदा कारोबारी साल में गत कारोबारी साल के 310 अरब डॉलर के आसपास या उससे कम रह सकता है। एसोचैम ने यहां एक बयान में कहा, “वस्तुओं की वैश्विक मांग कम रहने के कारण देश का निर्यात मौजूदा कारोबारी साल में 2014-15 के 310 अरब डॉलर के आसपास या उससे कम रह सकता है।”
उद्योग संघ के ताजा सर्वेक्षण के आधार पर एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, “मोटे तौर पर व्यापारिक माहौल सुस्त है।” उन्होंने सरकार से व्यापार की सुविधा बढ़ाने और भारतीय निर्यात के लिए शुल्क कम करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, “जुलाई 2014 से रुझान कमजोर है, लेकिन निर्यात इस साल जनवरी से घट रहा है।” 2014-15 में 340 अरब डॉलर निर्यात का लक्ष्य था, जबकि 310 अरब डॉलर का निर्यात हो पाया। एसोचैम के सर्वेक्षण के मुताबिक, वस्तु निर्यात दूसरी तिमाही के अंततक प्रति महीने 22-25 अरब डॉलर रह सकता है।
चैंबर ने कहा कि उसके बाद निर्यात में वृद्धि हो सकती है, लेकिन यह वृद्धि बहुत अधिक नहीं होगी। निर्यात कम रहने का कोई बड़ा असर हालांकि व्यापार घाटे पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि घरेलू अर्थव्यवस्था में मांग कम रहने के कारण आयात भी कम होगा। एसोचैम के मुताबिक, मौजूदा कारोबारी साल में आयात 440-450 अरब डॉलर के बीच रह सकता है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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