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मुख्य समाचार

निवारक स्वास्थ्य देखभाल का बाजार 2022 तक 100 अरब डॉलर का होगा

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नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| रेडसीर की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक निवारक स्वास्थ्य देखभाल बाजार (प्रिवेंटिव हेल्थकेयर मार्केट) मौजूदा समय में 55 अरब डॉलर के करीब होने का अनुमान है, लेकिन इसके 2022 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके बढ़ने की वजह अत्यधिक वजन, मधुमेह, दिल से जुड़े रोगों व अल्पपोषण जैसे कारक हैं। निवारक स्वास्थ्य देखभाल के तहत आने वाले क्षेत्रों में स्वस्थ खाद्य पदार्थ और औषधीय पदार्थ, फिटनेस और खेल, स्वास्थ्य निगरानी और नैदानिक, उपचार और पर्यटन और स्वास्थ्य बीमा शामिल हैं। उपभोक्ताओं इलाज की तलाश के दौरान निवारक स्वास्थ्य देखभाल को अपना हिस्सा नहीं बनाते हैं। निवारक स्वास्थ्य देखभाल में प्राथमिक इलाज, चिकित्सा निगरानी उपकरण व चिकित्सा पर्यटन शामिल हैं।

इसके बारे में बात करते हुए, पोर्शिया मेडिकल की एमडी व मुख्य कार्यकारी अधिकारी मीना गणेश कहती हैं, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के कारण आज औसत जीवन प्रत्याशा बढ़ गई है। हालांकि, कम गतिविधि वाली जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खाने के पैटर्न के कारण बीमारियों में भी वृद्धि हुई है। लेकिन, यह मुद्दे का एक पक्ष है, दूसरा पक्ष यह है कि रोगों के प्रति जागरूकता में भी वृद्धि हुई है। जिससे अधिक से अधिक लोग नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच-पड़ताल के लिए जागरूक हुए हैं। पोर्शिया जैसी कंपनियों के लिए 2020 तक निवारक स्वास्थ्य देखभाल में वृद्धि की काफी उम्मीद दिखाती है। पोर्शिया प्रयोगशाला परीक्षण से लेकर पूरे परिवार के लिए पोषण और आहार परामर्श की एक पूरी श्रृंखला प्रदान करता है।

बीमारी के एक बार ज्यादा बढ़ने के बाद चिकित्सकीय देखभाल महंगी हो सकती है। ऐसे में आज के समय में निवारक स्वास्थ्य का महत्व बढ़ जाता है।

देश में मधुमेह, उच्च रक्तचाप व सांस से जुड़ी बढ़ती दिक्कतें जीवनशैली की वजह से ज्यादा सामने आ रही हैं। ऐसे में बीमारी के अत्यधिक बढ़ने से यह व्यक्ति के साथ परिवार पर भी असर डालती है। लाइब्रेट के संस्थापक और सीईओ सौरभ अरोड़ा ने कहा कि स्वस्थ भोजन के साथ लाइब्रेट चिकित्सा के निवारक पक्ष को प्रोत्साहित कर रहा है, जिससे लोगों को अपने स्वास्थ्य को प्रमुखता देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

देश में निवारक स्वास्थ्य सेवाओं के उपभोक्ता शहरों में ज्यादा है। स्वास्थ्य देखभाल बाजार में फिटनेस 32 अरब डॉलर का बाजार बनने के लिए तैयार है। फिटपास के सह संस्थापक अक्षय वर्मा ने कहा, इस उद्योग की वृद्धि काफी हद तक दो कारकों से प्रेरित होती है। इसमें फिट होने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लाइफस्टाइल बीमारियों को रोकना शामिल है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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