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अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाल : स्वयंभूनाथ मंदिर को लूटपाट से बचाएगी यूनेस्को टीम

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काठमांडू | नेपाल में पिछले हफ्ते आए भीषण भूकंप के कारण मची भारी तबाही में राजधानी काठमांडू स्थित विश्वविख्यात स्वयंभूनाथ मंदिर का मध्य स्तूप अभी भी जस का तस खड़ा है, हालांकि स्तूप के अगल-बगल में निर्मित मंदिर का शेष हिस्सा मलबे में तब्दील हो चुका है। इस विश्वविख्यात मंदिर की बहुमूल्य कलाकृतियों को लूट से बचाने के लिए यूनेस्को की एक टीम संरक्षण में जुट गई है। 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप के कारण नेपाल में सिर्फ बड़े पैमाने पर जनहानि ही नहीं हुई है, बल्कि इसमें कई ऐतिहासिक विरासत वाली इमारतों को भी भारी नुकसान हुआ है। ये ऐतिहासिक स्थल दशकों से देश-विदेश के पर्यटकों को नेपाल की ओर आकर्षित करते रहे हैं। यूनेस्को की एक सात सदस्यीय टीम स्वयंभूनाथ मंदिर को हुए नुकसान का आकलन कर रही है और क्षतिग्रस्त मंदिर परिसर से मूल्यवान कलाकृतियों को लुटने से बचाने में भी लगी हुई है।

यूनेस्को के सलाहकार डेविड एंडोल्फैटो ने कहा, “भूकंप के कारण ढह चुके पत्थरों एवं टेराकोटा को हम सूचीबद्ध कर रहे हैं। हमारी पहली चिंता इन बहुमूल्य वस्तुओं को लूटे जाने से बचाने की है। इसके लिए हम मंदिर के तहखानों में से किसी एक की चाबी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि हम इन वस्तुओं का भंडारण कर सकें।” उन्होंने कहा, “अभी हम मंदिर के पुनर्निर्माण के बारे में नहीं सोच रहे, क्योंकि इसके लिए धन की जरूरत होगी और पुनर्निर्माण तभी हो सकेगा जब इन बहुमूल्य वस्तुओं को बचाया जा सकेगा।”

स्वयंभूनाथ मंदिर नेपाल में सबसे प्राचीन धार्मिक स्थलों में माना जाता है तथा बौद्ध और हिंदू दोनों धर्मावलंबियों के लिए पवित्र स्थान है। स्वयंभू मंदिर में संरक्षण का कार्य पूरा करने के बाद यूनेस्को की टीम काठमांडू में ही दरबार चौक और काष्ठमंडप मंदिर के संरक्षण में लगेगी। एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित इस मंदिर को ‘बंदरों का मंदिर’ भी कहते हैं, क्योंकि इस मंदिर क्षेत्र में बंदर बहुतायत में पाए जाते हैं। अभी भी वहां काफी संख्या में बंदर मौजूद हैं। यूनेस्को के अनुसार, काठमांडू में कुल सात स्मारक स्थल हैं, जिनमें काठमांडू, भक्तपुर और पाटन में तीन दरबार चौक शामिल हैं। इसके अलावा चार धार्मिक स्थलों में स्वयंभूनाथ मंदिर, बौद्धनाथ मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर और चांगू नारायण हैं।

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लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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