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अन्तर्राष्ट्रीय

न्यायापालिका विरोधी टिप्पणी पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को नोटिस

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लाहौर, 13 जनवरी (आईएएनएस)| लाहौर उच्च न्यायालय ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को सियालकोट में एक भड़काऊ भाषण में न्यायपालिका के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में नोटिस जारी किया है। अदालत ने शुक्रवार को यह नोटिस एक याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि प्रधानमंत्री ने पनामा पेपर्स पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को रद्दी का एक टुकड़ा करार दिया था। अदालत ने सरकार और पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) को भी नोटिस जारी किया।

‘डॉन’ ने शनिवार को बताया कि अधिवक्ता अजहर सिद्दीकी ने याचिका दायर की थी। उन्होंने दलील दी कि अब्बासी की टिप्पणी अदालत की अवमानना है।

मामले को न्यायाधीश शाहिद करीम की अदालत में पेश करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह की भड़काऊ बयानबाजी कर प्रधानमंत्री न्यायापालिका को विवादों के घेरे में लाने की कोशिश कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम ने भी अपने भाषणों में कई बार सर्वोच्च अदालत और उसके न्यायाधीशों की खुलकर आलोचना की है और न्यायपालिका के खिलाफ जनता की भावना को भड़काने की कोशिश की है।

याचिकाकर्ता ने अदालत से प्रधानमंत्री अब्बासी के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाने का अनुरोध किया और कहा कि पेमरा को न्यायपालिका को निशाने पर लिए जाने वाले प्रधानमंत्री के भाषण का प्रसारण समाचार चैनलों द्वारा किए जाने पर रोक लगाने को लेकर निर्देश जारी किया जाना चाहिए।

अदालत ने 15 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई तक अब्बासी और उनकी सरकार से जवाब मांगा है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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