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नेशनल

पाकिस्तान ने आतंकवाद को समर्थन जारी रखा तो ‘कार्रवाई’ बढ़ाएंगे : सेना प्रमुख

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नई दिल्ली, 15 जनवरी (आईएएनएस)| पाकिस्तान को एक कड़े संदेश में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि अगर पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को समर्थन और आतंकवादियों की घुसपैठ को जारी रखेगा तो भारत उसके खिलाफ ‘कार्रवाई’ को बढ़ाएगा। करिअप्पा परेड ग्राउंड में यहां 70वें सेना दिवस समारोह के अवसर पर सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का माकूल जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास, पाकिस्तान सेना लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही है और आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ करने में मदद दे रही है। हम अपनी ताकत से उन्हें सबक सिखा रहे हैं। पाकिस्तान की तरफ से किसी भी उकसावे वाली कार्रवाई का माकूल जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, अगर हमें मजबूर किया गया तो, हम अपनी कार्रवाई के स्तर को बढ़ाएंगे और दूसरे कदम भी उठा सकते हैं।

सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अमरनाथ श्रद्धालुओं पर हमला कर, लेफ्टिनेंट उमर फयाज जैसे जम्मू एवं कश्मीर के पुलिसकर्मियों और सैनिकों की हत्या कर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ना चाहता है।

उन्होंने कहा, यह हमारी राष्ट्रीय एकता और सामाजिक तानेबाने पर निशाना साधने का प्रयास है। हम इन देश विरोधी ताकतों के मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे।

जनरल रावत ने कहा कि देश के पूर्वोत्तर में लोगों के सहयोग से चलाए गए अभियानों से आतंकवाद पर नकेल कसने में सहायता मिली लेकिन कुछ समूह अभी भी वहां शांति बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, भारतीय सेना असम राइफल्स और अन्य के साथ सामंजस्य बिठाकर इन समूहों को अलग-थलग करने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य हालात स्थापित करने के लिए वार्ता कर रही है।

सैन्य दिवस हर साल 15 जनवरी को फील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा के 1949 में देश के पहले सेना प्रमुख का पद ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। करियप्पा ने यह पद्भार भारत में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ सर फ्रांसिस बुचर से ग्रहण किया था।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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