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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान : शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने पर विपक्ष खुश

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इस्लामाबाद, 28 जुलाई (आईएएनएस)| पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय के शुक्रवार के फैसले में पनामा पेपर मामले में नवाज शरीफ को दोषी करार दिए जाने से विपक्षी खेमे में खुशी का माहौल है। पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने फैसले के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, यह ऐतिहासिक दिन है, आइए पाकिस्तान को मजबूत करें, और यहां से आतंकवाद का खात्मा करें।

‘डॉन’ ने अपनी रपट में कुरैशी के हवाले से कहा, आइए हम इस मौके पर सशस्त्र बलों, पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रति आभार व्यक्त करें। हमें भारी दबाव में भी न झुकने और न्याय के लिए सेवा देने पर संयुक्त जांच दल (जेआईटी ) के सदस्यों का भी धन्यवाद करना चाहिए।

गौरतलब है कि अप्रैल में सर्वोच्च न्यायालय ने घोषणा की थी कि शरीफ को दोषी मानने के लिए ‘अपर्याप्त साक्ष्य’ हैं और उन्होंने छह सदस्यों की जेआईटी को इस मामले की जांच का आदेश दिया था।

सैन्य और असैन्य जांचकर्ताओं की टीम ने जांच के दौरान शरीफ के परिवार की आय और उनकी जीवनशैली के बीच ‘भारी असमानता’ पाई।

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता कमर जमान कैरा ने कहा, इसमें सभी विपक्षी पार्टियों की भूमिका है, लेकिन इसका श्रेय पीटीआई और इमरान खान को जाता है, जो इस मुद्दे को अदालत लेकर गए और उन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।

जमात-ए-इस्लामी के नेता सिराजुल हक ने कहा, हम बहुत कमजोर हैं, लेकिन 24 अगस्त, 2016 को मैं पहला याचिकाकर्ता बना। लोग मेरा मजाक उड़ाते थे, लेकिन आज हमने सर्वोच्च अदालत में सफलता हासिल की। हम सर्वोच्च अदालत, पत्रकारों, वकीलों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बधाई देना चाहते हैं, जिन्होंने हमें समर्थन दिया।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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