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मुख्य समाचार

पार्टी ने मुझे निष्कासित कर दिया, भाजपा में नहीं जा रहा : वाघेला

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गांधीनगर, 21 जुलाई (आईएएनएस)| गुजरात में कांग्रेस के नेता शंकर सिंह वाघेला ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया। हालांकि उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि वह भाजपा में नहीं शामिल होने जा रहे। अपने 77वें जन्मदिन पर जमा हुए लोगों को संबोधित करते हुए वाघेला ने कहा कि वह राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे देंगे और आठ अगस्त के राज्यसभा चुनाव के बाद विधायक के तौर पर भी इस्तीफा दे देंगे।

उन्होंने कहा कि वह ‘पार्टी के भीतर साजिश’ के शिकार हुए, जिसकी वजह से उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया।

उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनके शुक्रवार के कार्यक्रम का इंतजार भी नहीं किया कि वह उसमें क्या कहने वाले हैं। इससे पहले ही उन्हें बाहर निकालने का फैसला कर लिया गया।

वाघेला ने इसे ‘विनाशकाले विपरीत बुद्धि’ करार दिया।

समर्थकों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि ‘अंतिम हाई कमान जनता है।’

उन्होंने कहा, बर्खास्त होना मेरी किस्मत थी। लेकिन मैं सेवानिवृत्त नहीं हो रहा हूं। अन्याय के खिलाफ लड़ना मेरा स्वभाव है, भले ही मैं इस क्रम में सबकुछ गंवा बैठूं।

उन्होंने कहा, मैं पार्टी के भीतर साजिश का शिकार बना हूं, चाहे यह भाजपा हो या कांग्रेस।

उन्होंने कहा, बर्खास्त करने से आपके अहं को संतुष्टि मिल सकती है, लेकिन यह इससे ज्यादा कुछ नहीं है। एक जन-नेता की तरह व्यवहार करें, किसी राजनेता की तरह नहीं।

उन्होंने कहा, मुझे साजिश के तहत निकाला गया। मैंने राहुल गांधी से इस बारे में बात की थी। मैं सोनिया गांधी से भी मिला था और कहा था कि ‘आपका भरोसा नहीं तोड़ूंगा।’ मैंने उन्हें हर चीज के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि मैं कुछ समय बाद पार्टी में नहीं रहूंगा, लेकिन चिंता मत कीजिए मैं कहीं नहीं जा रहा हूं। मैं भाजपा में शामिल नहीं हो रहा हूं।

उन्होंने अपने समर्थकों से कहा, मैं आज विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं। मैं स्वतंत्र पक्षी हूं, मैं कांग्रेस को खुद से मुक्त कर रहा है और खुद को कांग्रेस से मुक्त करता हूं।

गुजरात कांग्रेस ने गुरुवार को वाघेला को अपने जन्मदिन के बहाने समर्थकों व विधायकों के साथ किसी तरह की ‘राजनीति नहीं करने’ की चेतावनी दी थी।

उनसे यह भी कहा गया कि पार्टी उनकी सार्वजनिक बयानबाजी को आगे बर्दाश्त नहीं करेगी।

वाघेला ने 1990 के दशक के अंत में भाजपा से अलग होकर एक नई पार्टी बनाई थी और बाद में इसका कांग्रेस के साथ विलय कर लिया। वह दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा के चुनाव की पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस हाईकमान से मांगते आ रहे थे।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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